सुप्रीम कोर्ट मानवीय आधार पर शिक्षामित्रों के पक्ष में दे सकता है फैसला : दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ

लखनऊ: प्रदेश के 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों का मामले की सुनवाई सुप्रीमकोर्ट में होने के बाद कोर्ट नें फैसले को सुरक्षित रख लिया था |
गर्मी की छुट्टी के बाद कोर्ट खुलते ही शिक्षामित्रों को फैसले को अपने पक्ष में आने का इन्तजार करते हुए देखा जा रहा तो उधर बीटीसी अभ्यर्थियों व्दारा शिक्षामित्रों के समायोजन रद्द किये जाने के बाद अपने नियुक्ति के लिए रास्ता निकलने की उम्मीद लगाये हैं|लेकिन अभी कोर्ट व्दारा दिया जानें वाला यह ऐतिहासिक फैसला कब आयेगा इसकी कोई तिथि तय नहीं है | शिक्षामित्रों के साथ साथ 72825 टेट मेरिट पर की गयी नियुक्ति व सपा सरकार व्दारा की गयी ऐकडमिक मेरिट पर होने वाली भर्तियॉ भी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर निर्भर है जिसकी भी सुनवाई पूर्ण हो चुकी है और फैसला सुरक्षित रखा गया है | कुल मिलाकर लगभग 300000 शिक्षको का भविष्य सुप्रीमकोर्ट द्वारा तय होना है|

सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्रों की ओर से पैरवी कर रहे दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव व वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष रश्मिकान्त व्दिवेदी ने संयुक्त बयान में कहा कि संघ के अधिवक्ताओं का पैनल सुप्रीम कोर्ट में शिक्षामित्रों का पक्ष मजबूती के साथ रखा है साथ ही एनसीटीई में भी शिक्षामित्रों को पूर्व से कार्यरत पैराशिक्षक माना है |पदाधिकारीव्दय ने कहा कि संघ के अधिवक्ताओं ने उन्हें बताया कि सुप्रीम कोर्ट मानवीय आधार पर शिक्षामित्रों के पक्ष में फैसला दे सकता है, क्योकिे मामला पौने दो लाख परिवार के साथ जुड़ा है| फैसला अगले हफ्ते में आने की उम्मीद है|

संघ के प्रदेश सचिव उबैद अहमद सिद्दीकी नें प्रदेश के शिक्षामित्रों से अपील की है, कि परेशान न हों,धैर्य रखें हमें सुप्रीम कोर्ट से अवश्य न्याय मिलने की उम्मीद है |
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