लोकसभा में एक महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा हुई जिसमें देश के सरकारी और निजी स्कूलों के करीब आठ लाख शिक्षकों को बीएड की योग्यता हासिल करने का आखिरी मौका दिया गया है.
उन्होंने कहा कि गैर प्रशिक्षित अध्यापकों द्वारा छात्रों को पढ़ाया जाना बहुत नुकसानदायक है और ऐसे में 2019 तक सभी कार्यरत शिक्षकों को अनिवार्य न्यूनतम योग्यता हासिल करना होगा, वरना उनकी नौकरी चली जाएगी.
जावड़ेकर ने साथ ही बताया कि ऐसे शिक्षकों की सहायता के लिए सरकार ने ‘स्वयं’ पोर्टल भी कुछ दिन पहले लांच किया है जिसमें पाठ्य सामग्री, ट्यूटोरियल एवं अन्य संबंधित सामग्री उपलब्ध है. मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने 10 अप्रैल, 2017 को लोकसभा में निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (संशोधन) बिल, 2017 पेश किया था. शिक्षकों की नियुक्ति के लिए निर्धारित न्यूनतम योग्यता हासिल करने की समय सीमा को बढ़ाने के लिए निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार एक्ट 2009 में और संशोधन का प्रस्ताव करने के लिए इसे लाया गया था.
एक्ट के तहत यदि किसी राज्य में शिक्षकों के प्रशिक्षण संस्थान या योग्य शिक्षक पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं हैं तो वह शिक्षकों को पांच साल के भीतर यानी 31 मार्च 2015 तक न्यूनतम योग्यता हासिल करने की छूट प्रदान करता है.
बिल इस प्रावधान में यह बात जोड़ता है कि जिन शिक्षकों ने 31 मार्च 2015 तक न्यूनतम योग्यता हासिल नहीं की हो वे चार वर्ष के भीतर 31 मार्च 2019 तक न्यूनतम योग्यता हासिल कर सकते हैं .
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- शिक्षामित्र केस में 24 जुलाई को एक हियरिंग और होगी: मिशन सुप्रीम कोर्ट ग्रुप, यूपी
- शिक्षामित्रों और टेट भर्ती के करीब 3 लाख शिक्षकों को न्यायालय के फैसले के बाद ही मिलेगा एनपीएस का लाभ
- इलाहाबाद उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ द्वारा दिए गए निर्णय में बदलाव सम्भव नहीं- सर्वोच्च न्यायालय
- शिक्षामित्र मामले पर आगामी फैसले का संभावित सारांश : यस के पाठक
- शिक्षामित्र मुद्दा : समायोजन रद्द बिना टैट वेटेज की गई नियुक्ति रद्द , २४ तक होगा आदेश अपलोड
- असमायोजित शिक्षामित्रों मामले में राज्य सरकार को सप्ताह भर का और समय मिला
- Big Breaking News : UPTET- 2011 के सभी याचिओ के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी
उन्होंने कहा कि गैर प्रशिक्षित अध्यापकों द्वारा छात्रों को पढ़ाया जाना बहुत नुकसानदायक है और ऐसे में 2019 तक सभी कार्यरत शिक्षकों को अनिवार्य न्यूनतम योग्यता हासिल करना होगा, वरना उनकी नौकरी चली जाएगी.
जावड़ेकर ने साथ ही बताया कि ऐसे शिक्षकों की सहायता के लिए सरकार ने ‘स्वयं’ पोर्टल भी कुछ दिन पहले लांच किया है जिसमें पाठ्य सामग्री, ट्यूटोरियल एवं अन्य संबंधित सामग्री उपलब्ध है. मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने 10 अप्रैल, 2017 को लोकसभा में निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (संशोधन) बिल, 2017 पेश किया था. शिक्षकों की नियुक्ति के लिए निर्धारित न्यूनतम योग्यता हासिल करने की समय सीमा को बढ़ाने के लिए निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार एक्ट 2009 में और संशोधन का प्रस्ताव करने के लिए इसे लाया गया था.
एक्ट के तहत यदि किसी राज्य में शिक्षकों के प्रशिक्षण संस्थान या योग्य शिक्षक पर्याप्त संख्या में उपलब्ध नहीं हैं तो वह शिक्षकों को पांच साल के भीतर यानी 31 मार्च 2015 तक न्यूनतम योग्यता हासिल करने की छूट प्रदान करता है.
बिल इस प्रावधान में यह बात जोड़ता है कि जिन शिक्षकों ने 31 मार्च 2015 तक न्यूनतम योग्यता हासिल नहीं की हो वे चार वर्ष के भीतर 31 मार्च 2019 तक न्यूनतम योग्यता हासिल कर सकते हैं .
- BREAKING - शिक्षामित्रों के बारे में बड़ा फैसला, पदनाम बदलेगा, नौकरी नहीं जाएगी
- सुप्रीमकोर्ट में शिक्षामित्रों के बारे में अहम फैसला , पदनाम होगा शिक्षा सहायक, मानदेय नहीं वेतन मिलेगा
- BREAKING - शिक्षामित्रों के बारे में बड़ा फैसला, पदनाम बदलेगा, नौकरी नहीं जाएगी
- शिक्षामित्र / UPTET सुप्रीमकोर्ट केस: वर्तमान स्तिथि में कुछ प्रश्न सभी के पास है जिनका जो भी उत्तर है क्रमशः देने का प्रयास कर रहा हूँ......मयंक तिवारी
- Big Breaking News : UPTET- 2011 के सभी याचिओ के लिए बहुत बड़ी खुशखबरी
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines