गैर हाजिर शिक्षकों पर यूं लगाम कसेगी सरकार

नई दिल्ली स्कूलों में कार्यदिवस के दौरान काफी संख्या में शिक्षकों के अनुपस्थित रहने की रिपोर्ट के मद्देनजर मानव संसाधन विकास मंत्रालस एक ऐसी व्यवस्था को आगे बढ़ाने की पहल कर रहा है जिसमें एक टैब के जरिये स्कूल के शिक्षकों एवं छात्रों की उपस्थिति तभी लगेगी जब 50 फुट के दायरे में होंगे।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'यह व्यवस्था मणिपुर में सफलतापूर्वक आगे बढ़ाई गई है। इसका सभी राज्यों में विस्तार करने की पहल की जायेगी।'

मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि शिक्षकों की उपस्थिति पर नजर रखने के लिए कुछ जगहों पर बायॉमेट्रिक्स का उपयोग किया गया है। इसके साथ ही राजस्थान में एक अच्छा प्रयोग किया गया है जिसके माध्यम से प्रॉक्सी शिक्षक के संबंध में जो सही एवं नियमों पर खरे उतरते हैं, उनका फोटो स्कूल में लगाया जाता है और उसके आगे 'हमारे आदरणीय गुरुजी' लिखा जाता है।

बहरहाल, लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कुछ समय पहले बताया था कि साल 2004 में विश्व बैंक ने भारत समेत छह देशों में शिक्षकों की अनुपस्थिति के बारे में एक अध्ययन किया था। भारत में यह अध्ययन 20 राज्यों में 3700 स्कूलों में किया गया था। रिपोर्ट में पाया गया कि सरकारी प्राथमिक स्कूलों में किसी दिये गए दिन में 25 प्रतिशत शिक्षक अनुपस्थित पाये गए। शिक्षा की स्थिति पर असर रिपोर्ट 2016 में कहा गया है कि प्राथमिक स्तरीय स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति 85.4 प्रतिशत थी और उच्च प्राथमिक स्कूलों में 84.7 प्रतिशत पायी गई । केंद्र सरकार ने भी साल 2006 और 2013 में स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति के बारे में अध्ययन कराया।

इन दोनों अध्ययनों में स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति के स्तर में वृद्धि दर्ज की गई और प्राथमिक स्तर पर यह साल 2006 के 81.7 प्रतिशत से बेहतर होकर 2013 में 84.3 प्रतिशत हो गया। इसी प्रकार से उच्च प्राथमिक स्तर पर यह 80.5 प्रतिशत से बेहतर होकर 81.3 प्रतिशत हो गया।
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