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25 अगस्त को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे शिक्षामित्र, अन्‍ना हजारे का मिला साथ

नई दिल्लीः प्रख्यात गांधीवादी व समाजसेवी अन्ना हजारे एक बार फिर जंतर-मंतर पर आंदोलन करते हुए नजर आएंगे। खबरों के मुताबिक अन्ना इस बार किसी राजनीतिक पार्टी के साथ नहीं बल्कि समायोजन रद्द होने से नाराज उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्रों के साथ खड़े होंगे।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट द्वारा समायोजन रद्द किए जाने से शिक्षामित्र नाराज चल रहे हैं। जिसकों लेकर वे 25 अगस्त को दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि प्रख्यात गांधीवादी व समाजसेवी अन्ना हजारे उनके प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे। इसके लिए हजारे से बात भी की जा चुकी है।

रविवार को ग्लोब पार्क में हुई संघ की प्रांतीय कमेटी की बैठक में यादव ने कहा कि शिक्षामित्रों को राहत देने के लिए सरकार अध्यादेश लाए। इससे कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं। शिक्षामित्र 15 अगस्त को पूरे प्रदेश में मौन जुलूस निकालेंगे। १६ अगस्त को भाजपा के सांसद, मंत्री और विधायकों को अध्यादेश लाने के लिए ज्ञापन देंगे और 17 अगस्त से च्संकल्प पत्र पूरा करो, शिक्षामित्रों के लिए अध्यादेश लाओज् नारे के साथ प्रदेश के सभी जिलों में भाजपा कार्यालयों पर क्रमिक अनशन करेंगे।

इलाहाबाद कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया था
बीते 26 जुलाई को अच्छे शिक्षकों की नितांत आवश्यकता बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में बतौर सहायक शिक्षक शिक्षामित्रों के समायोजन को निरस्त करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया था। हालांकि शीर्ष अदालत ने शिक्षामित्रों को राहत देते हुए कहा था कि अगर ये शिक्षामित्र टीईटी (सहायक शिक्षक के लिए जरूरी अर्हता) पास हैं या भविष्य में पास कर लेते हैं तो सहायक शिक्षकों के लिए होने वाली दो नियुक्ति प्रक्रिया में उन पर विचार किया जाना चाहिए। साथ ही यह भी कहा था कि राज्य सरकार चाहे तो समायोजन के पूर्व की स्थिति में शिक्षामित्रों की सेवा जारी रख सकती है।

न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश को तो सही ठहराया लेकिन कहा कि सहायक शिक्षकों के तौर पर समायोजित किए गए शिक्षामित्रों को रियायत मिलनी चाहिए। पीठ ने अपने फैसले में कहा था कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सहायक शिक्षकों की होने वाली दो लगातार नियुक्ति प्रक्रियाओं में टीईटी पास शिक्षामित्रों पर विचार किया चाहिए। संबंधित अथॉरिटी चाहे तो इसमें शिक्षामित्रों को आयुसीमा में छूट दे सकती है और उनके तजुर्बे को वेटेज दे सकती है।
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