वाराणसी। पीएम मोदी के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पुलिस-प्रशासन एक सप्ताह से जुटा था। डीजीपी से लेकर मुख्य सचिव तक इसकी कातिर काशी का दौरा कर चुके थे।
पुख्ता और चाक-चौबंद इंतजाम के दावे तमाम थे। बावजूद इसके शहंशाहपुर में पीएम की जनसभा के दौरान महिला शिक्षामित्रों ने हंगामा किया। काफी महिला शिक्षा मित्र बुर्का पहन कर आयी थी। कार्यक्रम आरम्भ होने के पहले पार्टी से जुड़े लोग उन्हें देख खासे गदगद थे लेकिन जब इन्हे पुलिस ने पकडने का प्रयास किया तो पंडाल से बाहर निकल बुर्के को काला कपड़े का रूप देते हुए लहराना शुरू कर दिया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने कई शिक्षामित्रों को हिरासत में ले लिया है। एसपीआरए अमित कुमार ने स्वीकार किया कि 37 को हिरासत में लिया गया है जिनका निरोधात्मक धाराओं के तहत चालान किया गया। पीएम के दो दिवसीय काशी दौरे पर शिक्षामित्रों के विरोध की पहले से आशंका जतायी जी रही थी। शिक्षामित्रों के प्रतिनिधि मंडल को 22 सितंबर को पीएम से मिलने की अनुमति मिल गयी थी, लेकिन कार्यक्रम व्यस्ततम रहने के चलते भेंट नहीं हो पायी। सूत्रों के मुताबिक शनिवार को शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल को पास देकर डीरेका के गेस्ट हाउस में बुलाया गया था, जिससे पीएम मोदी से उनकी भेंट करायी जा सके। मुलाकात से पहले पीएम पशुधन मेला का उद्घाटन करने के बाद शहंशाहपुर में जनसभा संबोधित करने चले गये थे। वहां पर रणनीति के तहत पहले से बड़ी संख्या में महिला शिक्षामित्र मौजूद थी जिन्होंने हंगामा करने के साथ मांगों के समर्थम में नारेबाजी की। सभास्थल के पिछले हिस्से में रीना सिंह के नेतृत्व में हुए इस विरोध-प्रदर्शन के बाद पुलिस ने उनको पकड़ने का प्रयास किया। पंडाल से बाहर निकल वहां पर काला कपड़ा दिखाया। सूत्रों की माने तो शिक्षामित्रों ने जनसभा के लिए बाकायदा पास हासिल कर रखे थे। दरअसल पार्टी की तरफ से पास बांटने का काम सौंपा गया था। खुफिया रिपोर्ट की माने तो सैकड़ों की संख्या में शिक्षामित्र पास लेकर सभा स्थल तक पहुंचे थे और रणनीति के तहत हंगामा किया। इनमें से कई ने बुर्का पहना था तो काफी भगवा गमछा लेकर गयी थी। पार्टी के कई लोग इस मामले को लेकर निशाने पर हैं और जल्द ही उन पर गॉज गिर सकती है। गौरतलब है कि शिक्षामित्र समायोजन की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। एक तरफ शिक्षामित्रों का आंदोलन था तो शहंशाहपुर में ही पूर्वांचल राज्य की मांग को लेकर भी वंदना सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ता पहुंचे थे। इन लोगों ने भी पूर्वांचल राज्य बनाने की मांग को लेकर पीएम के सामने नारेबाजी की। संख्या अधिक नहीं थी जिससे नियंत्रित कर हिरासत में लेने में पुलिस को परेशानी नहीं हुई।
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पुख्ता और चाक-चौबंद इंतजाम के दावे तमाम थे। बावजूद इसके शहंशाहपुर में पीएम की जनसभा के दौरान महिला शिक्षामित्रों ने हंगामा किया। काफी महिला शिक्षा मित्र बुर्का पहन कर आयी थी। कार्यक्रम आरम्भ होने के पहले पार्टी से जुड़े लोग उन्हें देख खासे गदगद थे लेकिन जब इन्हे पुलिस ने पकडने का प्रयास किया तो पंडाल से बाहर निकल बुर्के को काला कपड़े का रूप देते हुए लहराना शुरू कर दिया। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने कई शिक्षामित्रों को हिरासत में ले लिया है। एसपीआरए अमित कुमार ने स्वीकार किया कि 37 को हिरासत में लिया गया है जिनका निरोधात्मक धाराओं के तहत चालान किया गया। पीएम के दो दिवसीय काशी दौरे पर शिक्षामित्रों के विरोध की पहले से आशंका जतायी जी रही थी। शिक्षामित्रों के प्रतिनिधि मंडल को 22 सितंबर को पीएम से मिलने की अनुमति मिल गयी थी, लेकिन कार्यक्रम व्यस्ततम रहने के चलते भेंट नहीं हो पायी। सूत्रों के मुताबिक शनिवार को शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल को पास देकर डीरेका के गेस्ट हाउस में बुलाया गया था, जिससे पीएम मोदी से उनकी भेंट करायी जा सके। मुलाकात से पहले पीएम पशुधन मेला का उद्घाटन करने के बाद शहंशाहपुर में जनसभा संबोधित करने चले गये थे। वहां पर रणनीति के तहत पहले से बड़ी संख्या में महिला शिक्षामित्र मौजूद थी जिन्होंने हंगामा करने के साथ मांगों के समर्थम में नारेबाजी की। सभास्थल के पिछले हिस्से में रीना सिंह के नेतृत्व में हुए इस विरोध-प्रदर्शन के बाद पुलिस ने उनको पकड़ने का प्रयास किया। पंडाल से बाहर निकल वहां पर काला कपड़ा दिखाया। सूत्रों की माने तो शिक्षामित्रों ने जनसभा के लिए बाकायदा पास हासिल कर रखे थे। दरअसल पार्टी की तरफ से पास बांटने का काम सौंपा गया था। खुफिया रिपोर्ट की माने तो सैकड़ों की संख्या में शिक्षामित्र पास लेकर सभा स्थल तक पहुंचे थे और रणनीति के तहत हंगामा किया। इनमें से कई ने बुर्का पहना था तो काफी भगवा गमछा लेकर गयी थी। पार्टी के कई लोग इस मामले को लेकर निशाने पर हैं और जल्द ही उन पर गॉज गिर सकती है। गौरतलब है कि शिक्षामित्र समायोजन की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। एक तरफ शिक्षामित्रों का आंदोलन था तो शहंशाहपुर में ही पूर्वांचल राज्य की मांग को लेकर भी वंदना सिंह के नेतृत्व में कार्यकर्ता पहुंचे थे। इन लोगों ने भी पूर्वांचल राज्य बनाने की मांग को लेकर पीएम के सामने नारेबाजी की। संख्या अधिक नहीं थी जिससे नियंत्रित कर हिरासत में लेने में पुलिस को परेशानी नहीं हुई।
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