सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद 2 महीने बीतने के बाद बीऐड नेताओ और अचयनितो की प्रतिक्रियाओ के बाद हाइकोर्ट मै रिट रिट खेलने के बाद सरकार का मुह ना खुलने के बाद जो चीजे स्पष्ट हो चुकी है उनके बारे मै कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
1- याची राहत के अंतरिम आदेश 24 फरबरी 26 जुलाइ 17 नवंवर पूर्ण रूप से खतम। समानता का अधिकार खतम हाइकोर्ट मै याचिका खारिज हुइ
नोट= किसी प्रकिया कुछ लोगो की नौकरी गलत ढंग से हो गई तो इसका मतलव ये नही कि हजारो की संख्या मै उसी आधार पर गलत या असंबैधानिक तरीके से नौकरी दे दी जाये।( 1100 के संदर्भ मै)
2- संपूर्ण समायोजन खतम ( डेढ फुटा भद्दा की याचिका 167 जिसमे संपूर्ण समायोजन की माँग थी उस पर कोइ निर्णय नही आया)
नोट= डेढ फुटे को नौकरी मिल चुकी थी तो उसने इस याचिका पे वहस कराना उचित नही समझा। अगर याचिका का निर्णय विरूद्व आता तो डेढ फुटिये की नौकरी चली जाती।
3= बीएड टेट की बैलिडिटी खतम हाइकोर्ट मै याचिका खारिज
हाइकोर्ट ने 23 अगस्त 2010 को नोटिफिकेशन सही माना जिसके अनुसार बीएड 2014 तक प्राइमरी मै पात्र और टीइटी बैधता 5 बर्ष यानि 2016 तक।
4- टेट मेरिट से चयनित 66 हजार सिर्फ दया और राहत से नौकरी पर ( कानूनन उनका चयन सही नही )
5- नया एड बहाल और भर्ती करने के लिये सरकार स्वतंत्र ( नया एड कानूनन सही)
6- समानता के आधार पर याची राहत नही मिल सकती है । सरकार मई 2016 मै हलफनामा दाखिल कर चुकी थी कि याची ज्यादा है पद कम है सबका चयन नही हो सकता है।
अब मुख्य बात
फैसला और सरकार के रूख के बाद सिर्फ इतना ही संभब है
1- सरकार बीएड टेट को एक पद भी नही देना चाहती
2- आप 839 को बाहर का रास्ता दिखा सकते है कानूनी माध्यम से ( रिषी श्रीवास्तव का प्रयास जारी है)
2-नये एड की कानूनी लङाइ हाइकोर्ट सुप्रीम कोर्ट मै लङ सकते है।
नोट- अब आज की परिस्थति के अनुसार कानूनी रूप से जो सही या गलत है वो इस पोस्ट मै स्पष्ट कर दिया गया है।
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1- याची राहत के अंतरिम आदेश 24 फरबरी 26 जुलाइ 17 नवंवर पूर्ण रूप से खतम। समानता का अधिकार खतम हाइकोर्ट मै याचिका खारिज हुइ
नोट= किसी प्रकिया कुछ लोगो की नौकरी गलत ढंग से हो गई तो इसका मतलव ये नही कि हजारो की संख्या मै उसी आधार पर गलत या असंबैधानिक तरीके से नौकरी दे दी जाये।( 1100 के संदर्भ मै)
2- संपूर्ण समायोजन खतम ( डेढ फुटा भद्दा की याचिका 167 जिसमे संपूर्ण समायोजन की माँग थी उस पर कोइ निर्णय नही आया)
नोट= डेढ फुटे को नौकरी मिल चुकी थी तो उसने इस याचिका पे वहस कराना उचित नही समझा। अगर याचिका का निर्णय विरूद्व आता तो डेढ फुटिये की नौकरी चली जाती।
3= बीएड टेट की बैलिडिटी खतम हाइकोर्ट मै याचिका खारिज
हाइकोर्ट ने 23 अगस्त 2010 को नोटिफिकेशन सही माना जिसके अनुसार बीएड 2014 तक प्राइमरी मै पात्र और टीइटी बैधता 5 बर्ष यानि 2016 तक।
4- टेट मेरिट से चयनित 66 हजार सिर्फ दया और राहत से नौकरी पर ( कानूनन उनका चयन सही नही )
5- नया एड बहाल और भर्ती करने के लिये सरकार स्वतंत्र ( नया एड कानूनन सही)
6- समानता के आधार पर याची राहत नही मिल सकती है । सरकार मई 2016 मै हलफनामा दाखिल कर चुकी थी कि याची ज्यादा है पद कम है सबका चयन नही हो सकता है।
अब मुख्य बात
फैसला और सरकार के रूख के बाद सिर्फ इतना ही संभब है
1- सरकार बीएड टेट को एक पद भी नही देना चाहती
2- आप 839 को बाहर का रास्ता दिखा सकते है कानूनी माध्यम से ( रिषी श्रीवास्तव का प्रयास जारी है)
2-नये एड की कानूनी लङाइ हाइकोर्ट सुप्रीम कोर्ट मै लङ सकते है।
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