इस बारे में पूछने पर उप मुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा ने कहा कि शैक्षिक सत्र शुरू हो जाने के बाद राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के समायोजन को हाई कोर्ट ने उचित नहीं माना था।
कोर्ट ने सरकार के फैसले को खारिज नहीं किया है बल्कि अगली सुनवाई तक स्थगित रखने का निर्देश दिया है। वहीं शिक्षामित्रों का समायोजन रद होने के कारण चूंकि अब परिषदीय स्कूलों में सरप्लस शिक्षक नहीं रह गए हैं, इसलिए कोर्ट ने परिषदीय शिक्षकों को राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्रतिनियुक्ति पर लेने पर रोक लगायी है। हाई कोर्ट ने हमारी नीति को नहीं रोका है बल्कि शिक्षामित्रों के बारे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को माना है।
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कोर्ट ने सरकार के फैसले को खारिज नहीं किया है बल्कि अगली सुनवाई तक स्थगित रखने का निर्देश दिया है। वहीं शिक्षामित्रों का समायोजन रद होने के कारण चूंकि अब परिषदीय स्कूलों में सरप्लस शिक्षक नहीं रह गए हैं, इसलिए कोर्ट ने परिषदीय शिक्षकों को राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में प्रतिनियुक्ति पर लेने पर रोक लगायी है। हाई कोर्ट ने हमारी नीति को नहीं रोका है बल्कि शिक्षामित्रों के बारे में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को माना है।
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