बीएड टेट अभ्यर्थियों को कोर्ट ने प्राइमरी शिक्षक भर्ती से दिखाया बाहर का रास्ता

Writ A 45357/2017 मानवेन्द्र सिंह व अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने खारिज कर दिया। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्री अशोक खरे ने बताया कि उनका मुवक्किल टी ई टी 2011 पास है तथा समायोजित शिक्षा मित्र है जिसका समायोजन सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है।

याचिकाकर्ता की मांग यह थी कि टी ई टी -2011 की वैलिडिटी को बढ़ा दिया जाए जिससे वह प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक की सीधी भर्ती प्रक्रिया में टी ई टी -11 प्राथमिक स्तर पर के आधार पर प्रतिभाग कर सके।
ऐसी ही प्रेयर बी एड याचियों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में की गई थी जिसका विरोध बी टी सी ट्रेनी वेलफेयर के अधिवक्ता श्री प्रदीप कांत और आर बसंत द्वारा बहस के दौरान पुरजोर तरीके किया गया।
इस पर माननीय  न्यायालय ने बी एड याचियों की मांग को खारिज करते हुए आदेश पारित किया की प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्तियां 23 अगस्त 2010 के नोटिफिकेशन के अनुसार होंगी। उक्त नोटिफिकेशन के चलते ही शिक्षा मित्र और बी एड अभ्यर्थियों को कोर्ट ने प्राइमरी से बाहर का रास्ता दिखाया।
इसी नोटिफिकेशन में योग्यता और अर्हता का विवरण दिया गया है।(SLp सिविल 32599/15 के आदेश के पैरा 17 देखें )
मानवेन्द्र सिंह की याचिका खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने भी यही कहा की टी ई टी की वैधता बढ़ाने सम्बन्धी कोई आदेश सुप्रीम कोर्ट द्वारा नही पारित किए गए है। टी ई टी -11 की वैधता 2016 तक थी जो अब खत्म हुई।
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