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शिक्षामित्रों के मसीहा गाज़ी का बयान कहा- फिर लौटेगा शिक्षामित्रों का सम्मान, अंतिम सांस तक लड़ाई लड़ेगा हमारा संगठन, न्याय पाने के लिए ही दाखिल की पुनर्विचार याचिका

सुप्रीम कोर्ट में हार के बाद पिछले तीन माह से वह न तो शिक्षक हैं और न ही शिक्षामित्र
संगठन शिक्षा मित्रों के सम्मान इससे पहले भी दिलाने का कार्य किया है। आगे भी करेगा। संगठन कभी हार नहीं मानेगा, खोया हुआ सम्मान वापस मिलेगा।
माननीय सुप्रीम कोर्ट में हार मिला है। सभी तीन वर्ष से शिक्षक थे। पिछले तीन माह से न तो शिक्षक और न ही शिक्षा मित्र हैं। इसलिए पुनर्विचार याचिका दाखिल किया गया है। खोया हुआ पद वापस कराया जाएगा।
उक्त बातें उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला ने कही। वह शनिवार को एक हाल में शिक्षा मित्रों के बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पौने दो लाख की आवाज सरकार नहीं सुन रही है। वार्ता के बाद भी मांगे नहीं मानी गई। भारांक देने, आयु में छूट देने की बात कही है। इसी को संगठन ने चैलेंज किया है। प्रदेश कोषाध्यक्ष रमेश चंद्र मिश्र ने कहा कि संगठन की रीति-नीति के साथ चलता है। संगठन चुप बैठने वाला नहीं है। हार मानने वाला नहीं है। खोया हुआ सम्मान वापस लाने तक लड़ता रहेगा। रिव्यू में वरिष्ठ अधिवक्ता से बहस कराने के लिए संगठन देश के जाने माने अधिवक्ता से बहस कराने के लिए कार्य करेगा। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष इंद्रजीत यादव व संचालन जय प्रकाश विश्वकर्मा न किया। मंत्री यशवंत सिंह, हामिद अली चौधरी, बलरामपुर के जिलाध्यक्ष गिरिजा शंकर शुक्ला, ओमप्रकाश, मीरा मिश्र, प्रवीणा गुप्ता, राम आश्रय मौर्य, घनलाल गुप्ता, बलराम जायसवाल, रोशन लाल, अशोक यादव, राजकुमार, बागेश्वरी मिश्र, घनश्याम यादव, मोहम्मद यूनुस, रोहणी चौधरी, बंटी सिह, अवनीश पांडेय, रमेश यादव, विक्रम प्रसाद, नन्दलाल, मुक्तनाथ, रामरित, राकेश गुप्ता, राम जश मोर्या, रामजी मिश्र, श्रीचंद, महेंद्र कुमार आदि की मौजूदगी रही।बैठक में उपस्थित शिक्षामित्र ’ जागरणबैठक को संबोधित करते शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला ’

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