तीन माह से नहीं मिला शिक्षामित्रों को मानदेय

रामपुर : सरकार ने बेसिक स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए शिक्षामित्रों को नियुक्त किया। शिक्षामित्रों ने भी अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया, जिसके बाद इन्हें शिक्षक पद पर समायोजित किया गया।
इसके बाद पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने इनका समायोजन रद्द कर दिया। इस दौरान शिक्षामित्रों ने सरकार के खिलाफ लंबा संघर्ष किया। तब कहीं जाकर सरकार ने 10 हजार मानदेय तय किया, लेकिन वह भी पिछले तीन माह से नहीं मिला है। ऐसे में शिक्षामित्रों के परिवारों को आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव संजय सिन्हा ने सभी बेसिक शिक्षाधिकारियों को 25 अक्तूबर तक शिक्षामित्रों का भुगतान करने के निर्देश दिए थे। ऐसा नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। बावजूद इसके, वेतन का भुगतान नहीं हुआ। आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सैयद जावेद मियां कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट से समायोजन रद्द होने के बाद से शासन ने शिक्षामित्र को मानदेय जारी करने का आदेश किया था, जिसके बाद परियोजना कार्यालय से शिक्षामित्रों का तीन महीने का मानदेय दिए जाने के लिए ग्रांट भी जारी कर दी गई, लेकिन दीपावली जैसा प्रमुख पर्व बीत जाने के बाद भी जनपद में मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव के निर्देश के बाद भी 25 अक्टूबर को मानदेय का भुगतान नहीं हो पाया, जिससे शिक्षामित्र आर्थिक स्थिति से जूझ रहे हैं।
-सर्व शिक्षा अभियान के सहायक लेखाधिकारी का पद रिक्त होने की वजह से वेतन के भुगतान में देरी हो रही है। पैसा मिल चुका है, शीघ्र ही भुगतान करा दिया जाएगा।
सर्वदानंद

बेसिक शिक्षाधिकारी
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