इलाहाबाद : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा 2018 का कार्यक्रम तैयार हो गया है लेकिन, अधिकृत रूप से जारी करने में सार्वजनिक अवकाश की सूची की बाधा बनी है।
शासन ने अब तक बोर्ड को यह सूची मुहैया नहीं कराई है। वहीं, शासन ने बोर्ड परीक्षा केंद्रों का निर्धारण पूरा करने की मियाद 25 अक्टूबर तय किया था लेकिन, अभी तक प्रदेश के डिबार विद्यालयों की सूची फाइनल नहीं हो सकी है इससे यह कार्य शुरू ही नहीं हो सका है। 1प्रदेश सरकार ने यूपी बोर्ड की परीक्षा 2018 का कार्यक्रम हर हाल में अक्टूबर माह में जारी करने का निर्देश था। बोर्ड प्रशासन ने निर्देशों के मुताबिक छह फरवरी, 2018 से परीक्षा कराने का कार्यक्रम तैयार कर लिया है लेकिन, सार्वजनिक अवकाश की सूची बिना यह कार्यक्रम अधिकृत तौर पर घोषित नहीं हो सकता है। इसलिए अवकाश सूची का इंतजार किया जा रहा है। परीक्षा जल्द शुरू कराने की वजह यह है कि वह होली के त्योहार के पहले ही पूरी हो जाएं, ताकि नया शैक्षिक सत्र अप्रैल से शुरू होने में देरी न हों। साथ ही सीबीएसई के रिजल्ट के साथ ही यूपी बोर्ड का परीक्षा परिणाम भी आ जाए। सामान्य रूप से बोर्ड परीक्षा में 25 दिन का समय लगता है, लेकिन इसे ऐसे तैयार किया जाता है ताकि कठिन और सरल विषय बीच-बीच में होते रहे, जिससे परीक्षार्थियों को दिक्कत न हो। इस बार होली मार्च में पड़ रही है। तैयारी है कि परीक्षा के लगभग सारे महत्वपूर्ण विषय होली के पहले ही पूरे हो जाएंगे। 1शासन ने इस बार बोर्ड के हर कार्य के लिए समय सीमा तय की है। उसी के अनुरूप सारे कार्य हो रहे हैं। परीक्षा केंद्रों का निर्धारण वैसे तो नवंबर के अंत तक होना है लेकिन, शासन ने 25 अक्टूबर तक कार्य पूरा करने का निर्देश दिया था, क्योंकि इस बार केंद्र निर्धारण मुख्यालय पर ही होना है। 1अब तक डिबार केंद्रों की सूची फाइनल न होने से केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। यह कार्य शासन स्तर से ही होना है। माना जा रहा है इसी सप्ताह डिबार विद्यालयों की अंतिम सूची जारी होगी। उसके एक पखवारे बाद केंद्र निर्धारित होने की उम्मीद है। 1प्रायोगिक परीक्षा 15 नवंबर से 1यूपी बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाएं आमतौर पर दिसंबर माह में होती रही हैं लेकिन, इस बार नवंबर के दूसरे पखवारे में ही परीक्षाएं कराने की तैयारी है। बोर्ड ने इसकी अनुमानित तारीख 15 नवंबर तय की है। शिक्षा निदेशक की सहमति मिलने पर कार्यक्रम जारी होगा। परीक्षकों की सूची तैयार है उसका सत्यापन कराया जाना है। यह परीक्षाएं इस बार सीसीटीवी कैमरे के निगरानी में ही होंगी।
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शासन ने अब तक बोर्ड को यह सूची मुहैया नहीं कराई है। वहीं, शासन ने बोर्ड परीक्षा केंद्रों का निर्धारण पूरा करने की मियाद 25 अक्टूबर तय किया था लेकिन, अभी तक प्रदेश के डिबार विद्यालयों की सूची फाइनल नहीं हो सकी है इससे यह कार्य शुरू ही नहीं हो सका है। 1प्रदेश सरकार ने यूपी बोर्ड की परीक्षा 2018 का कार्यक्रम हर हाल में अक्टूबर माह में जारी करने का निर्देश था। बोर्ड प्रशासन ने निर्देशों के मुताबिक छह फरवरी, 2018 से परीक्षा कराने का कार्यक्रम तैयार कर लिया है लेकिन, सार्वजनिक अवकाश की सूची बिना यह कार्यक्रम अधिकृत तौर पर घोषित नहीं हो सकता है। इसलिए अवकाश सूची का इंतजार किया जा रहा है। परीक्षा जल्द शुरू कराने की वजह यह है कि वह होली के त्योहार के पहले ही पूरी हो जाएं, ताकि नया शैक्षिक सत्र अप्रैल से शुरू होने में देरी न हों। साथ ही सीबीएसई के रिजल्ट के साथ ही यूपी बोर्ड का परीक्षा परिणाम भी आ जाए। सामान्य रूप से बोर्ड परीक्षा में 25 दिन का समय लगता है, लेकिन इसे ऐसे तैयार किया जाता है ताकि कठिन और सरल विषय बीच-बीच में होते रहे, जिससे परीक्षार्थियों को दिक्कत न हो। इस बार होली मार्च में पड़ रही है। तैयारी है कि परीक्षा के लगभग सारे महत्वपूर्ण विषय होली के पहले ही पूरे हो जाएंगे। 1शासन ने इस बार बोर्ड के हर कार्य के लिए समय सीमा तय की है। उसी के अनुरूप सारे कार्य हो रहे हैं। परीक्षा केंद्रों का निर्धारण वैसे तो नवंबर के अंत तक होना है लेकिन, शासन ने 25 अक्टूबर तक कार्य पूरा करने का निर्देश दिया था, क्योंकि इस बार केंद्र निर्धारण मुख्यालय पर ही होना है। 1अब तक डिबार केंद्रों की सूची फाइनल न होने से केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी है। यह कार्य शासन स्तर से ही होना है। माना जा रहा है इसी सप्ताह डिबार विद्यालयों की अंतिम सूची जारी होगी। उसके एक पखवारे बाद केंद्र निर्धारित होने की उम्मीद है। 1प्रायोगिक परीक्षा 15 नवंबर से 1यूपी बोर्ड की प्रायोगिक परीक्षाएं आमतौर पर दिसंबर माह में होती रही हैं लेकिन, इस बार नवंबर के दूसरे पखवारे में ही परीक्षाएं कराने की तैयारी है। बोर्ड ने इसकी अनुमानित तारीख 15 नवंबर तय की है। शिक्षा निदेशक की सहमति मिलने पर कार्यक्रम जारी होगा। परीक्षकों की सूची तैयार है उसका सत्यापन कराया जाना है। यह परीक्षाएं इस बार सीसीटीवी कैमरे के निगरानी में ही होंगी।
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