बीएसए ने 2005 में बीएड करने वाले शिक्षकों का मांगा ब्योरा

एटा। शिक्षकों की नियुक्ति के बाद प्रमाण पत्रों के सत्यापन पर अंगुली उठने लगी हैं। विभाग द्वारा कराए गए सत्यापन में नियमों की अनदेखी की पुष्टि हो रही है तो अधूरी सूचनाओं के आधार पर ही भुगतान सुनिश्चित कर दिया गया। मामले पर गंभीर बीएसए ने वर्ष 2004-05 में बीएड करने वाले शिक्षकों का ब्योरा तलब किया है।

फर्जी डिग्री, हेराफेरी वाले अंकपत्र धारक तथाकथित शिक्षकों की संख्या जांच में बढ़ती जा रही है। प्रथम दृष्टया संदिग्ध होने के बाद भी इनके खिलाफ कार्रवाई न करना विभागीय मिलीभगत का सुबूत बन रही है। दर्जनों शिक्षकों की अध्ूारी सूचनाएं भी तत्कालीन व्यवस्था की संलिप्तता को उजागर कर रही हैं। अधूरे एवं नियम विरुद्ध सत्यापन को स्वीकार कर भुगतान सुनिश्चित कर दिया गया।

इसे लेकर गंभीर बीएसए एसके तिवारी ने खंड शिक्षा अधिकारियों को 12 बिंदु का प्रारूप जारी कर वर्ष 2004-05 में बीएड करने वाले सभी शिक्षकों का ब्योरा तलब किया है। इसमें शिक्षकों के नाम पते के साथ तैनाती स्कूल, पद, ब्लाक के अलावा बीएड करने वाले महाविद्यालयों का भी ब्योरा मांगा गया है। बता दें कि जिले में संचालित 1927 परिषदीय विद्यालयों में 5348 शिक्षक शिक्षिकाएं सेवारत हैं।

कार्रवाई की आहट से ही नदारद

विश्वविद्यालीय सूचना से फर्जी शिक्षकों में हड़कंप है। विभाग द्वारा तैयार सूची में अपना नाम जानने के लिए लोग बीएसए कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। वहीं कार्रवाई की आहट से लोग स्कूलों से उड़नछू हो गए हैं। नाम न छापने की शर्त पर विभागीय लोगों ने बताया कि दो दर्जन से अधिक शिक्षकों ने स्कूल आना ही बंद कर दिया है।
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