आगरा। बीएड की फर्जी अंकतालिकाओं से नौकरी करने वाले
प्राइमरी के 4780 शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई की जा रही है। एसआईटी ने सभी
फर्जी शिक्षकों का डेटाबेस तैयार करने के निर्देश दिए थे।
बीएसए से फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई करने के लिए दस नवंबर की तारीख दी गई थी। इससे पहले ऐसे प्राइमरी शिक्षकों का सूची तैयार करने के लिए निर्देशित किया गया था। फर्जी बीएड करने वाले प्राइमरी के शिक्षकों की पूरी लिस्ट तैयार हो रही है। फिरोजाबाद में 150 फर्जी शिक्षक हैं। वहीं अन्य जनपदों में भी सूची तैयार हुई हैं। अब इन पर एक साथ दस नवंबर तक एफआईआर दर्ज की जाएगी।
एसआईटी ने दी है रिपोर्ट
डॉ.भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2004.05 में 4780 फर्जी मार्कशीट की रिपोर्ट एसआईटी ने दी है। इस सूची में अधिकांश प्राइमरी में अध्यापक हैं। वहीं 4780 में से एक हजार से अधिक ऐसे छात्र हैं, जिनके नंबर बढ़ाए गए हैं। वे कॉलेज के छात्र भी रहे हैं और परीक्षा में भी शामिल हुए। इसमें से कुछ सही छात्र भी हैं, ये छात्र अब परेशान हैं। बता दें कि बीएड प्रकरण में दो तरह के केस हैं। इनमें एक हजार केस ऐसे हैं जिन्होंने परीक्षा दी थी और बाद में नंबर बढ़ाए गए। कुछ सही छात्र भी इसमें फंस गए। कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें छात्रों के अंक बढ़ा दिए गए। एक छात्र का कहना है कि उसके बीएड में 54 प्रतिशत अंक थे, लेकिन मार्कशीट गुम हो गई। इसके बाद जब डुप्लीकेट निकलवाई, तो 84 प्रतिशत अंक की मार्कशीट उसे थमा दी गई। लेकिन, उसने 54 प्रतिशत वाली मार्कशीट से अपना आवेदन अध्यापक बनने के लिए किया था। ऐसे में वो मार्कशीट के लिए विश्वविद्यालय के चक्कर काट रहा है कि उसे पता लगे कि उसकी कौन सी मार्कशीट सही है। बता दें कि विश्वविद्याल के कई छात्र हाईकोट चले गए और हाईकोर्ट ने एसआईटी गठित की। जिसके बाद ये मामला खुल सका।
यहां मिलीं थीं शिकायतें
शासन को डीएवी इंटर कॉलेज कुंडौल, कन्हीराम बाबूराम उ.मा विद्यालय, सीपी पब्लिक इंटर कॉलेज, जनता इंटर कॉलेज एत्मादपुर, डॉ. कर्ण सिंह इंटर कॉलेज रहलई और महाराजा सूरजमल इंटर कॉलेज में 2012 से 2014 के बीच हुई नियुक्तियों की जांच के आदेश दिए हैं। आरोप है कि इन कॉलेजों में नियमों की अनदेखी करते हुए नियुक्तियां की गईं।
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बीएसए से फर्जी शिक्षकों पर कार्रवाई करने के लिए दस नवंबर की तारीख दी गई थी। इससे पहले ऐसे प्राइमरी शिक्षकों का सूची तैयार करने के लिए निर्देशित किया गया था। फर्जी बीएड करने वाले प्राइमरी के शिक्षकों की पूरी लिस्ट तैयार हो रही है। फिरोजाबाद में 150 फर्जी शिक्षक हैं। वहीं अन्य जनपदों में भी सूची तैयार हुई हैं। अब इन पर एक साथ दस नवंबर तक एफआईआर दर्ज की जाएगी।
एसआईटी ने दी है रिपोर्ट
डॉ.भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2004.05 में 4780 फर्जी मार्कशीट की रिपोर्ट एसआईटी ने दी है। इस सूची में अधिकांश प्राइमरी में अध्यापक हैं। वहीं 4780 में से एक हजार से अधिक ऐसे छात्र हैं, जिनके नंबर बढ़ाए गए हैं। वे कॉलेज के छात्र भी रहे हैं और परीक्षा में भी शामिल हुए। इसमें से कुछ सही छात्र भी हैं, ये छात्र अब परेशान हैं। बता दें कि बीएड प्रकरण में दो तरह के केस हैं। इनमें एक हजार केस ऐसे हैं जिन्होंने परीक्षा दी थी और बाद में नंबर बढ़ाए गए। कुछ सही छात्र भी इसमें फंस गए। कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें छात्रों के अंक बढ़ा दिए गए। एक छात्र का कहना है कि उसके बीएड में 54 प्रतिशत अंक थे, लेकिन मार्कशीट गुम हो गई। इसके बाद जब डुप्लीकेट निकलवाई, तो 84 प्रतिशत अंक की मार्कशीट उसे थमा दी गई। लेकिन, उसने 54 प्रतिशत वाली मार्कशीट से अपना आवेदन अध्यापक बनने के लिए किया था। ऐसे में वो मार्कशीट के लिए विश्वविद्यालय के चक्कर काट रहा है कि उसे पता लगे कि उसकी कौन सी मार्कशीट सही है। बता दें कि विश्वविद्याल के कई छात्र हाईकोट चले गए और हाईकोर्ट ने एसआईटी गठित की। जिसके बाद ये मामला खुल सका।
यहां मिलीं थीं शिकायतें
शासन को डीएवी इंटर कॉलेज कुंडौल, कन्हीराम बाबूराम उ.मा विद्यालय, सीपी पब्लिक इंटर कॉलेज, जनता इंटर कॉलेज एत्मादपुर, डॉ. कर्ण सिंह इंटर कॉलेज रहलई और महाराजा सूरजमल इंटर कॉलेज में 2012 से 2014 के बीच हुई नियुक्तियों की जांच के आदेश दिए हैं। आरोप है कि इन कॉलेजों में नियमों की अनदेखी करते हुए नियुक्तियां की गईं।
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