कम अंक पर नौकरी, अब सुधार परीक्षा: 23 फीसद शिक्षक नहीं पूरी करते डीएलएड की न्यूनतम योग्यता

देहरादून: राज्य के 8441 शिक्षकों को कई साल की नौकरी के बाद अब ‘रिजल्ट’ सुधारना होगा। यह शिक्षक डीएलएड की निर्धारित योग्यता पूर्ण नहीं करते हैं । ऐसे में उन्हें राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान की अंक सुधार परीक्षा में बैठना होगा। वह न्यूनतम एक व अधिकतम चार विषयों में परीक्षा दे सकते हैं।
1डीएलएड की अनिवार्यता के बाद अब शिक्षकों के सामने एक अड़ंगा और है। डीएलएड कोर्स के लिए उनके बारहवीं में न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक होने चाहिए। एससी, एसटी, ओबीसी व दिव्यांग शिक्षकों के लिए पांच फीसद की रियायत है। जिन शिक्षकों के अंक कम हैं उन्हें राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान की कक्षा बारह की अंक सुधार परीक्षा में शामिल होना होगा। क्षेत्रीय निदेशक प्रदीप रावत ने बताया कि उत्तराखंड में 37230 अभ्यर्थियों द्वारा डीएलएड का पंजीकरण कराया गया है। सामान्य वर्ग में 6668 अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनके बारहवीं में 50 प्रतिशत से कम अंक हैं। इसी तरह आरक्षित वर्ग में 1777 अभ्यर्थी ऐसे हैं जिनके 45 प्रतिशत से कम नंबर हैं। ऐसे में ये शिक्षक डीएलएड के लिए निर्धारित योग्यता पूरी नहीं करते हैं। इन्हें अर्हता पूर्ण करने के लिए अंक सुधार का विकल्प दिया गया है। जिसके लिए एनआइओएस की स्ट्रीम-1 में 31 जनवरी 2018 तक ऑनलाइन प्रवेश लिया जा सकता है। एनआइओएस की वेबसाइट 666.ल्ल्र2.ंङ्घ.्रल्ल के माध्यम से प्रवेश लिया जा सकता है। ऐसे अभ्यर्थियों की अंक सुधार परीक्षा अक्टूबर 2018 में आयोजित की जाएगी। अभ्यर्थियों के पास ऑन डिमांड परीक्षा का भी विकल्प है। जिन शिक्षकों के अंक कम हैं उन्हें कोर्स में प्रोविजनल प्रवेश दिया जाएगा। उनके 12वीं में अंक प्रतिशत निर्धारित प्रतिशत से कम होगा उन्हें डीएलएड प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, देहरादून: डीएलएड प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों में प्रवेश प्रक्रिया न शुरू होने पर गहरा रोष व्याप्त है। उन्होंने इसे लेकर अब आंदोलन की चेतावनी दी है। अभ्यर्थियों ने कहा कि वर्ष 2017 खत्म होने को है और सत्र 2016-18 शुरू नहीं हुआ है।1डीएलएड प्रवेश परीक्षा-2016 में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की शुक्रवार को गांधी पार्क में बैठक आयोजित की गई। वक्ताओं ने कहा कि विभाग ने 24 अक्टूबर 2016-23 नवंबर 2016 तक डीएलएड प्रवेश परीक्षा के आवेदन मांगे गए थे। जिसकी प्रस्तावित परीक्षा दिसंबर 2016 के बजाय 15 अप्रैल 2017 को संपन्न हुई। प्रदेशभर के लगभग 40 हजार विद्यार्थियों में 650 विद्यार्थियों का चयन 21 जून को जारी चयन सूची के मुताबिक किया गया था। इसके बाद अभी तक प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। सिर्फ खानापूर्ति के लिए छह अक्टूबर को डायट आवंटन बिना प्रवेश सूचना के कर दिया गया। उनका कहना है कि विभाग की इस उदासीनता के कारण अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश पर भी चिंता जाहिर की। जिसमें कहा गया है कि बाहरी राज्यों के डीएलएड उत्तीर्ण लोगों को भी राज्य में प्राथमिक शिक्षक भर्ती में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में ठोस पैरवी करे। बैठक में पवन, अजित बिष्ट, राकेश जीना, निर्मल नेगी, मोहित, हिमांशु जोशी, सुरेंद्र गोपाल, देवेंद्र आदि उपस्थित रहे।’प्रवेश परीक्षा-2016 में उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की बैठक1’कहा, विभाग की उदासीनता के कारण अधर में लटका भविष्य1’अभ्यर्थियों ने कहा, जल्द प्रवेश न होने पर होगा आंदोलन’>>न्यूनतम एक व अधिकतम चार विषयों में परीक्षा दे सकते हैं शिक्षक1’ डीएलएड के लिए 12वीं में होने चाहिए न्यूनतम 50 फीसद अंक1’ अभ्यर्थियों के पास ऑन डिमांड परीक्षा का विकल्प भी मौजूद

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