4570 फर्जी शिक्षकों के साथ मदद करने वाले रिश्तेदारों पर भी गिरफ्तारी की लटकी तलवार

आगरा। बर्खास्त किए गए 4570 सरकारी शिक्षकों पर गिरफ्तारी की तलवार लटकी हुई है, तो उनकी मदद करने वाले भी एसआईटी के निशाने पर हैं। डॉ.भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में हुए इस महाघोटाले में हाईकोर्ट में दी गई याचिका के बाद संज्ञान लिया गया था।
दस नवंबर तक शिक्षकों का डाटा जिलेवार तैयार कर बीएसए कार्यालय से शासन को भेजना था। बीएसए कार्यालय ने शासन को आगरा जनपद से फर्जी शिक्षकों की सूची शासन को मुहैया कराई है। अब निकाय चुनाव के बाद इन पर एफआईआर और गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी,ऐसा माना जा रहा है।
जेनरेट हुई अंकतालिकाएं
डॉ.भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में सत्र 2004—05 में मार्कशीट में बड़ा घालमेल किया गया था। विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की मिलीभगत से तीन हजार मार्कशीट में जेनरेट की गई थी। सूत्रों के मुताबिक जिनके अंकों को जेनरेट किया गया है, वे विश्वविद्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के सगे संबंधी हैंं। प्रथम जांच में इसके पुख्ता सबूत मिले हैं। फर्जी अंकतालिकाओं के आधार पर कईयों ने सरकारी शिक्षकों की नौकरी पा ली और लाखों रुपये डकार गए हैं। जेनरेट मार्कशीट का जिन्न बाहर आने के बाद अब इन पर कार्रवाई का डंडा चलना शुरू हुआ है। पहले सभी फर्जी शिक्षकों को चिन्हित किया गया है। बीएसए अर्चना गुप्ता का कहना है कि निकाय चुनाव के बाद इन पर एफआईआर कराई जाएगी।
रिश्तेदारों पर लटकी तलवार, तो अधिकारियों तक लगाई गुहार
एसआईटी ने जो फर्जी तरीके से नौकरी हासिल करने वाले शिक्षक हैं, उनपर शिकंजा कसना शुरू कर दिया, तो उनके वे रिश्तेदार जिन्होंने फर्जी शिक्षक बनने में उनकी मदद की थी। अब परेशान हैं। सूत्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में लगातार अधिकारियों के पास चक्कर काट रहे हैं और उनके घरों पर भी हाजिरी लगा रहे हैं। अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं कि कैसे भी उनका नाम बच जाए। लेकिन, एक बार एसआईटी ने फर्जी शिक्षकों को गिरफ्तार कर रिमांड पर लेना शुरू किया, तो खेल की कड़ियां अपने आप ही खुलती चली जाएंगी।
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