लखनऊ. उत्तर प्रदेश में
शिक्षक भर्ती परीक्षा में इस बार डीएड अभ्यर्थियों को भी मौका मिलेगा।
दिसंबर में होने वाली प्राथमिक विद्यालयों में 68500 सहायक अध्यापकों की
प्रस्तावित भर्ती में डिप्लोमा इन एजुकेशन (डीएड) करने वाले अभ्यर्थियों को
भी मौका मिलेगा।
हाईकोर्ट ने दिया आदेश
हाईकोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने इसे
नियमावली में शामिल करने का निर्णय लिया है। हाईकोर्ट के आदेश पर सरकार ने
डीएड को अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में शामिल किया है। नियमावली संशोधन
होने से डीएड अभ्यर्थियों को दिसम्बर में प्रस्तावित 68500 सहायक अध्यापकों
की नियुक्ति में भी अवसर मिल जाएगा। नियमावली संशोधन संबंधी शासन के
निर्णय की प्रति शिक्षा अनुभाग-5 के अनु सचिव कामता प्रसाद सिंह ने 18
नवम्बर को बेसिक शिक्षा निदेशक और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को भेजी है।
नियमावली में सम्मिलित नहीं था डीएड
बता दें की अभी तक उत्तर प्रदेश बेसिक
शिक्षा (अध्यापक सेवा) नियमावली 1981 की शिक्षक प्रशिक्षण योग्यताओं में
डीएड सम्मिलित नहीं था। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की 23
अगस्त 2010 और 29 जुलाई 2011 की अधिसूचना में भी डीएड द्विवर्षीय प्रशिक्षण
का उल्लेख नहीं था। लेकिन एनसीटीई के 28 नवम्बर 2014 के अनुबंध-2 की
प्रस्तावना में बीटीसी, जेबीटी और डीएड को डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन
(डीएलएड) के समकक्ष मान्य किया गया था।
ये है पूरी जानकारी
डीएड करने वाले अभ्यर्थियों ने 12460 व
अन्यय सहायक अध्यापकों की भर्ती में अवसर देने के लिए हाईकोर्ट में
याचिकाएं की थी। हाईकोर्ट ने इस शर्त के साथ डीएड अभ्यर्थियों के आवेदन
स्वीकार करने के आदेश दिए थे, की जब तक याचिकाओं का निस्तारण नहीं हो जाता
तब तक इन्हें नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए जाए। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने
14 नवम्बर 2017 को शासन को प्रस्ताव भेजा कि एनसीटीई की 28 नवम्बर 2014 की
अधिसूचना में निर्धारित अर्हताओं को परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में
सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति के लिए मान्य किया जाए। जिसे स्वीकार करते
हुए 18 नवम्बर को नियमावली संशोधन का आदेश जारी कर दिया गया।
68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा का मसौदा तैयार
प्राइमरी स्कूलों में 68500 सहायक
अध्यापकों की भर्ती के लिए पहली बार होने जा रही लिखित परीक्षा मंडल
मुख्यालय वाले जिलों में कराने की तैयारी है। सचिव परीक्षा नियामक
प्राधिकारी डॉ. सुत्ता सिंह ने परीक्षा का मसौदा तैयार करवा रही हैं। मसौदे
को एक-दो दिन में शासन को भेज दिया जाएगा। इसके साथ ही भर्ती के लिए नियम
बनाने और ऑनलाइन आवेदन लेने का काम बेसिक शिक्षा परिषद को दिया जा सकता है।
सिर्फ लिखित परीक्षा कराने की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी को
मिलेगी। परीक्षा कराने के बाद मेरिट बेसिक शिक्षा परिषद को सौंप दी जाएगी,
जिसके बाद शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी।एक अनुमान के
मुताबिक शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा में अधिकतम ढाई लाख अभ्यर्थियों
के सम्मिलित होने का अनुमान है क्योंकि इसकी योग्यता बीटीसी व समकक्ष
डिग्री के साथ टीईटी या सीटीईटी पास होना अनिवार्य है। ढाई लाख आवेदकों के
लिए मंडल मुख्यालयों पर परीक्षा कराना आसान होगा।
सूत्रों के मुताबिक लिखित परीक्षा का
मसौदा तैयार है लेकिन शासन को प्रस्ताव भेजने से पहले अफसर प्रत्येक बिन्दु
का गहनता से अध्ययन कर रहे हैं। निकाय चुनाव की आचार संहिता के कारण सरकार
की ओर से भी कोई जल्दबाजी नहीं दिख रही।एक दिसंबर को चुनाव परिणाम घोषित
होने के बाद शिक्षक भर्ती पर तेजी से कार्यवाही शुरू होने की उम्मीद है।
परीक्षा से पहले अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा
परिषद (एनसीटीई) की गाइडलाइन के मुताबिक संशोधन करने की प्रक्रिया भी चल
रही है।
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