उत्तर प्रदेश के सरकारी प्राथमिक स्कूलों में 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए जल्द ही परीक्षा का आयोजन किया जाएगा. परीक्षा का आयोजन लिखित परीक्षा मंडल मुख्यालय वाले जिलों में ही कराया जाएगा.
हिन्दुस्तान अखबार के अनुसार सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी परीक्षा का मसौदा बनवा रही हैं, जो एक-दो दिन में उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी.
इन भर्तियों के लिए नियम बनाने और ऑनलाइन आवेदन लेने का काम बेसिक शिक्षा परिषद को दिया जा सकता है. लिखित परीक्षा कराने की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी की है. परीक्षा कराने के बाद मेरिट बेसिक शिक्षा परिषद को सौंप दी जाएगी, जिसके बाद नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी.
शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा में अधिकतम ढाई लाख अभ्यर्थियों के शामिल होने का अनुमान है. परीक्षा में हिस्सा लेने वाले आवेदकों को बीटीसी व समकक्ष डिग्री के साथ टीईटी या सीटीईटी पास होना अनिवार्य है. ढाई लाख आवेदकों के लिए मंडल मुख्यालयों पर परीक्षा कराना आसान होगा. हिन्दुस्तान अखबार के अनुसार लिखित परीक्षा का मसौदा तैयार है लेकिन शासन को प्रस्ताव भेजने से पहले अफसर इसकी गहनता से जांच कर रहे हैं. ताकि कोई चूक न रह जाए. निकाय चुनाव की आचार संहिता के कारण सरकार की ओर से भी कोई जल्दबाजी नहीं दिख रही है.
एक दिसंबर को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद ही शिक्षक भर्ती पर तेजी से कार्यवाही शुरू होने की उम्मीद है. परीक्षा से पहले अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की गाइडलाइन के मुताबिक संशोधन करने की प्रक्रिया भी चल रही है.
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इन भर्तियों के लिए नियम बनाने और ऑनलाइन आवेदन लेने का काम बेसिक शिक्षा परिषद को दिया जा सकता है. लिखित परीक्षा कराने की जिम्मेदारी परीक्षा नियामक प्राधिकारी की है. परीक्षा कराने के बाद मेरिट बेसिक शिक्षा परिषद को सौंप दी जाएगी, जिसके बाद नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू होगी.
शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा में अधिकतम ढाई लाख अभ्यर्थियों के शामिल होने का अनुमान है. परीक्षा में हिस्सा लेने वाले आवेदकों को बीटीसी व समकक्ष डिग्री के साथ टीईटी या सीटीईटी पास होना अनिवार्य है. ढाई लाख आवेदकों के लिए मंडल मुख्यालयों पर परीक्षा कराना आसान होगा. हिन्दुस्तान अखबार के अनुसार लिखित परीक्षा का मसौदा तैयार है लेकिन शासन को प्रस्ताव भेजने से पहले अफसर इसकी गहनता से जांच कर रहे हैं. ताकि कोई चूक न रह जाए. निकाय चुनाव की आचार संहिता के कारण सरकार की ओर से भी कोई जल्दबाजी नहीं दिख रही है.
एक दिसंबर को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद ही शिक्षक भर्ती पर तेजी से कार्यवाही शुरू होने की उम्मीद है. परीक्षा से पहले अध्यापक सेवा नियमावली 1981 में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की गाइडलाइन के मुताबिक संशोधन करने की प्रक्रिया भी चल रही है.
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