चुनावी बयार,एक दिन में करीब 200 शिक्षक ले रहे आकस्मिक अवकाश

- अप्रत्यक्ष रूप से कुछ शिक्षक भी हैं राजनीति में सक्रिय
- एक दिन में करीब 200 शिक्षक ले रहे आकस्मिक अवकाश
अजय कृष्ण श्रीवास्तव, वाराणसी : सियासी बुखार सिर्फ नेताओं को ही नहीं शिक्षकों को भी चढ़ रहा है। निकाय चुनाव के शोर के बीच अप्रत्यक्ष रूप से कुछ शिक्षक भी राजनीत में सक्रिय हैं।
दूसरी ओर लगन के चलते भी परिषदीय स्कूलों के अवकाश लेने वाले शिक्षकों की संख्या अचानक बढ़ गई है। एक दिन में करीब दो शिक्षक छुट्टी पर चल रहे हैं। जबकि सामान्य दिनों में एक दिन में औसतन 60-70 शिक्षक अवकाश पर रहते हैं। लगन की खुमारी में अवकाश लेने वाले शिक्षकों संख्या तीन गुना बढ़ गई है।
- पठन-पाठन हो रहा प्रभावित
अवकाश लेने वाले शिक्षकों की संख्या अचानक बढ़ जाने से परिषदीय विद्यालयों में पठन-पठन प्रभावित हो रहा है। विभाग का मानना है कि नवंबर-दिसंबर में छुट्टी लेने वाले शिक्षकों की संख्या हर वर्ष बढ़ जाती है। दरअसल, शिक्षकों को एक वर्ष में 14 आकस्मिक अवकाश (सीएल) लेने का अधिकार है। 31 दिसंबर तक अवकाश न लेने पर बचा सीएल लैप्स हो जाएगा। शादी-विवाह के अलावा इसे देखते हुए भी शिक्षक अवकाश ले रहे हैं।
- 'शिक्षाग्रह' का भी असर
शिक्षकों व छात्रों पर नजर बनाए रखने के लिए जनपद में 'शिक्षाग्रह' योजना शुरू की गई है। मानीट¨रग के लिए बीएसए दफ्तर में कंट्रोल रूम बना है। जहां से प्रतिदिन 40-50 विद्यालयों में फोन किया जाता है। उपस्थित शिक्षकों, बच्चों से फोन पर बात कर उपस्थिति का आकलन किया जाता है। बीएसए बृजभूषण चौधरी ने बताया कि कंट्रोल रूम को बिना सूचना के गैरहाजिर रहने पर शिक्षकों का एक दिन का वेतन भी काट लिया जा रहा है। बदली व्यवस्था का असर अवकाश के प्रार्थना पत्र भी पड़ रहा।
तिथिवार अवकाश लेने वाले शिक्षकों की संख्या
तिथि संख्या
17 नवंबर 354
18 नवंबर 190
20 नवंबर 192
21 नवंबर 211

22 नवंबर 223
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