इलाहाबाद : अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक कालेजों में शिक्षकों के समायोजन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र ने जिला विद्यालय निरीक्षकों से चयनित शिक्षकों की नियुक्ति की सत्यापन रिपोर्ट मांगी है, ताकि जिन शिक्षकों को नियुक्ति नहीं मिल पाई है, उन्हें दूसरे ऐसे कालेजों में भेजा जा सके जहां उनके विषय का पद रिक्त है।
चयन बोर्ड ने पिछले महीनों में अशासकीय सहायता प्राप्त कालेजों में रिक्त पदों के सापेक्ष चयन किया है। वर्ष 2013 के तहत 6028 प्रवक्ता व 1200 स्नातक शिक्षकों का चयन करके संबंधित कालेजों में भेजा गया है। चयन प्रक्रिया में देरी होने के कारण तमाम पद प्रमोशन या फिर कालेजों के प्रबंधक व प्रधानाचार्यो के करीबियों से भर लिए गए हैं। ऐसे में चयनित शिक्षकों को पद रिक्त न होने का हवाला देकर बैरंग लौटा दिया गया। चयन बोर्ड का अनुमान है कि प्रदेश भर में ऐसे शिक्षकों की तादाद 700 से अधिक है। इन शिक्षकों को लेकर चयन बोर्ड पशोपेश में रहा है कि इनका समायोजन कैसे हो? इसकी वजह यह थी कि हाईकोर्ट ने पूर्व के एक आदेश में कहा था कि चयनित शिक्षकों को उसी विज्ञापन संख्या में रिक्त पदों पर ही समायोजित किया जा सकता है, अन्य रिक्त पदों पर नहीं। हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए अपने आदेश में बदलाव करते हुए कहा कि चयनित शिक्षकों को यदि संबंधित कालेज में नियुक्ति नहीं मिली है तो दूसरे कालेजों में समायोजित किया जा सकता है। बशर्ते उस कालेज में संबंधित विषय का पद खाली हो।
ऐसे में चयन बोर्ड ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों की बीते दिनों बैठक करके चयनित शिक्षकों के कार्यभार ग्रहण करने की सत्यापन रिपोर्ट मांगी। प्रदेश के केवल 30 जिलों के डीआइओएस ने रिपोर्ट सौंपी है, बाकी 45 जिलों के डीआइओएस से अब सत्यापन रिपोर्ट मांगी। चयन बोर्ड के उप सचिव नवल किशोर ने प्रोफार्मा भेजा है उसे भरकर देना है। रिपोर्ट चयन बोर्ड कार्यालय में 21 से 24 नवंबर तक देनी है। रिपोर्ट सौंपने की समय सीमा तय कर दी गई है।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
चयन बोर्ड ने पिछले महीनों में अशासकीय सहायता प्राप्त कालेजों में रिक्त पदों के सापेक्ष चयन किया है। वर्ष 2013 के तहत 6028 प्रवक्ता व 1200 स्नातक शिक्षकों का चयन करके संबंधित कालेजों में भेजा गया है। चयन प्रक्रिया में देरी होने के कारण तमाम पद प्रमोशन या फिर कालेजों के प्रबंधक व प्रधानाचार्यो के करीबियों से भर लिए गए हैं। ऐसे में चयनित शिक्षकों को पद रिक्त न होने का हवाला देकर बैरंग लौटा दिया गया। चयन बोर्ड का अनुमान है कि प्रदेश भर में ऐसे शिक्षकों की तादाद 700 से अधिक है। इन शिक्षकों को लेकर चयन बोर्ड पशोपेश में रहा है कि इनका समायोजन कैसे हो? इसकी वजह यह थी कि हाईकोर्ट ने पूर्व के एक आदेश में कहा था कि चयनित शिक्षकों को उसी विज्ञापन संख्या में रिक्त पदों पर ही समायोजित किया जा सकता है, अन्य रिक्त पदों पर नहीं। हाईकोर्ट ने एक याचिका की सुनवाई करते हुए अपने आदेश में बदलाव करते हुए कहा कि चयनित शिक्षकों को यदि संबंधित कालेज में नियुक्ति नहीं मिली है तो दूसरे कालेजों में समायोजित किया जा सकता है। बशर्ते उस कालेज में संबंधित विषय का पद खाली हो।
ऐसे में चयन बोर्ड ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों की बीते दिनों बैठक करके चयनित शिक्षकों के कार्यभार ग्रहण करने की सत्यापन रिपोर्ट मांगी। प्रदेश के केवल 30 जिलों के डीआइओएस ने रिपोर्ट सौंपी है, बाकी 45 जिलों के डीआइओएस से अब सत्यापन रिपोर्ट मांगी। चयन बोर्ड के उप सचिव नवल किशोर ने प्रोफार्मा भेजा है उसे भरकर देना है। रिपोर्ट चयन बोर्ड कार्यालय में 21 से 24 नवंबर तक देनी है। रिपोर्ट सौंपने की समय सीमा तय कर दी गई है।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines