आगरा। सुप्रीम कोर्ट से शिक्षामित्रों को अगले सप्ताह फिर बड़ी खबर मिलने जा रही है। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में जो रिव्यू दाखिल किया गया है, वो डिक्री सेक्शन में पहुंच गया है।
इसके बाद रिव्यू पिटीशन नंबर मिलने का इंतजार रहेगा, जो अगले सप्ताह मिल जाएगा। इस नंबर के मिलने के साथ ही एक बार फिर शिक्षामित्रों के मामले में पुनर्विचार याचिका की उम्मीद जाग जाएगी। हार नहीं मानेंगे शिक्षामित्र
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यूपी सरकार से कोई भी मदद नहीं मिल पा रही है। शिक्षामित्र बिना सरकार के लिए अपने लिए न्याय की मांग करने जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में 1.78 लाख शिक्षामित्रों की सहायक अध्यापक के रूप में नियमितीकरण को सिरे से गैरकानूनी ठहराया था। उन्होने बताया कि कोर्ट ने कहा कि शिक्षामित्रों को शिक्षक भर्ती की औपचारिक परीक्षा में बैठना होगा और उन्हें लगातार दो प्रयासों में यह परीक्षा पास करनी होगी। प्रदेश के शिक्षामित्रों ने हार न मानते हुए पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला किया था।
सुप्रीम कोर्ट से मिलेगी राहत
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि शिक्षामित्रों को सुप्रीम कोर्ट से राहत जरूर मिलेगी। उन्होंने बताया कि रिव्यू पिटीशन नंबर आने का इंतजार है। शिक्षामित्रों की फाइल डिक्री सेक्शन में पहुंच गई है। अगले सप्ताह इसका नंबर मिल जाएगा। इसके बाद फाइल पुनर्विचार के लिए मुख्य धारा में आ जाएगाी। उन्होंने बताया कि नंबर मिलने के बाद सुनवाई संभव है। इस कार्य में देरी इसलिए हुई, क्योंकि बीएड, टीईटी अभ्यर्थियों ने भी इस फाइल में अपने दस्तावेज दाखिल किए हैं। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की पूरी उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट से न्याय जरूर मिलेगा।
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इसके बाद रिव्यू पिटीशन नंबर मिलने का इंतजार रहेगा, जो अगले सप्ताह मिल जाएगा। इस नंबर के मिलने के साथ ही एक बार फिर शिक्षामित्रों के मामले में पुनर्विचार याचिका की उम्मीद जाग जाएगी। हार नहीं मानेंगे शिक्षामित्र
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गाजी इमाम आला ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका के लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यूपी सरकार से कोई भी मदद नहीं मिल पा रही है। शिक्षामित्र बिना सरकार के लिए अपने लिए न्याय की मांग करने जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में 1.78 लाख शिक्षामित्रों की सहायक अध्यापक के रूप में नियमितीकरण को सिरे से गैरकानूनी ठहराया था। उन्होने बताया कि कोर्ट ने कहा कि शिक्षामित्रों को शिक्षक भर्ती की औपचारिक परीक्षा में बैठना होगा और उन्हें लगातार दो प्रयासों में यह परीक्षा पास करनी होगी। प्रदेश के शिक्षामित्रों ने हार न मानते हुए पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला किया था।
सुप्रीम कोर्ट से मिलेगी राहत
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष वीरेन्द्र छौंकर ने बताया कि शिक्षामित्रों को सुप्रीम कोर्ट से राहत जरूर मिलेगी। उन्होंने बताया कि रिव्यू पिटीशन नंबर आने का इंतजार है। शिक्षामित्रों की फाइल डिक्री सेक्शन में पहुंच गई है। अगले सप्ताह इसका नंबर मिल जाएगा। इसके बाद फाइल पुनर्विचार के लिए मुख्य धारा में आ जाएगाी। उन्होंने बताया कि नंबर मिलने के बाद सुनवाई संभव है। इस कार्य में देरी इसलिए हुई, क्योंकि बीएड, टीईटी अभ्यर्थियों ने भी इस फाइल में अपने दस्तावेज दाखिल किए हैं। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की पूरी उम्मीद है। सुप्रीम कोर्ट से न्याय जरूर मिलेगा।
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