इलाहाबाद : योगी सरकार की सबसे बड़ी सहायक अध्यापक भर्ती में टीईटी 2017
का परीक्षा परिणाम बाधा बना है। सरकार की ओर से दायर विशेष अपील में अभी
इस प्रकरण का निस्तारण नहीं हो सका है, बल्कि परीक्षा में पूछे गए सवालों
का अब नए सिरे से मूल्यांकन कराने की तैयारी है।
इस बार हाईकोर्ट के
निर्देश पर दूसरे चुनिंदा विशेषज्ञ 16 सवालों के उत्तर पर राय देंगे। इसके
बाद हाईकोर्ट अंतिम फैसला सुनाएगा।1प्रदेश सरकार बेसिक शिक्षा परिषद के
प्राथमिक विद्यालयों में 68500 सहायक अध्यापकों की लिखित परीक्षा कराने की
तैयारी कर चुका है लेकिन, उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा यानि यूपी टीईटी
2017 के परीक्षा परिणाम को लेकर पेंच फंसा है। सूत्रों की मानें तो इस
परीक्षा में कुल 64 सवालों पर अभ्यर्थियों ने आपत्तियां की थी, उनमें से
तमाम सवालों की आपत्तियां सही नहीं थी। अब 16 सवालों के उत्तर को लेकर
अभ्यर्थी व विभाग के बीच तकरार है। ऐसे में हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने
बीते तीन अप्रैल को निर्देश दिया कि परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव या फिर
कोर्ट इन प्रश्नों का दूसरे विशेषज्ञों से मूल्यांकन कराए। विभाग की ओर से
कोर्ट में कहा गया कि उसे दोबारा मूल्यांकन पर कोई आपत्ति नहीं है, कोर्ट
विशेषज्ञ तय करके नए सिरे से मूल्यांकन करा दे। अगली सुनवाई 16 अप्रैल से
फिर होनी है उसके पहले ही कोर्ट की ओर से तय विशेषज्ञ 16 प्रश्नों उत्तर पर
अपनी राय देंगे। इसके बाद कोर्ट फैसला सुनाएगा। यदि विशेषज्ञों ने
प्रश्नों के उत्तर में बदलाव किया तो संभव है कि परीक्षा का परिणाम नए सिरे
से जारी हो और यदि पहले के जवाब सही मिले तो रिजल्ट पूर्ववत ही रहेगा। ऐसे
में नए विशेषज्ञों की मूल्यांकन रिपोर्ट पर सभी की निगाह लगी है। परीक्षा
नियामक प्राधिकारी सचिव डा. सुत्ता सिंह का कहना है कि विभाग की ओर से
कोर्ट में सारे तथ्य रखे जा चुके हैं, जो न्यायालय का निर्णय होगा उसके
अनुरूप कार्य करेंगे।
टीईटी 2018 अक्टूबर के बाद : यूपी टीईटी 2018 जुलाई से लेकर सितंबर के बीच
कराने की तैयारी थी लेकिन, 2017 का ही प्रकरण अटकने से 2018 की परीक्षा भी
प्रभावित हो गई है।। अब यह अक्टूबर के पहले होना संभव नहीं है। टीईटी 2018
के बाद ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर शेष 68500 पदों के लिए सहायक
अध्यापकों की लिखित परीक्षा होनी है।
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