प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक के 68,500 पदों पर भर्ती के लिए होने
वाली लिखित परीक्षा के विरोध में बीटीसी टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने
प्रदर्शन किया. अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा लिखित कराने की जगह
ओएमआर शीट पर कराई जाए. इसे लेकर अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा मंत्री
अनुपमा जायसवाल से भी मुलाकात की.
बता दें प्रदेश सरकार पहली बार शिक्षक भर्ती के लिए लिखित परीक्षा कराने
वाली है. अभ्यर्थियों का कहना है कि लिखित परीक्षा होने पर उसमें
पारदर्शिता की कमी रहेगी. संभव है कि इसे लेकर कोर्ट में भी मामला जाए,
जिससे यह भर्ती लटक सकती है. इसीलिए बेहतर है कि परीक्षा ओएमआर शीट पर हो.
अभ्यर्थियों के अनुसार लिखित परीक्षा होने पर एक ही प्रश्न के अभ्यर्थी
अलग-अलग उत्तर लिखेंगे. ऐसे में उनको मिलने वाले अंकों पर सवाल खड़ा हो
सकता है.
अभ्यर्थी पंकज यादव कहते हैं कि 2017 में टीईटी, जो कि ओएमआर पर हुआ था,
उसमें ही 14 प्रश्नों के गलत उत्तर आए थे. जब ओएमआर पर होने वाली परीक्षा
का यह हाल है तो लिखित परीक्षा में तो दिक्कत और अधिक होना तय है.
अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होती गांधी प्रतिमा
पर उनका प्रदर्शन चलता रहेगा. जरूरत पड़ी तो वह बड़ा आंदोलन भी करेंगे.
उन्होंने कहा कि हमारी सिर्फ ये ही मांग है कि 68,500 पदों पर भर्ती की
परीक्षा ओएमअर पर कराई जाए. पंकज कहते हैं कि अगर ये परीक्षा लिखित होती है
तो कई साल तक ये कोर्ट में फंसती रहेगी. जिससे हमारे बीटीसी युवा बेरोजगार
सड़कों पर टहलते रहेंगे. अभी हाल ही मे एक मॉडल पेपर जारी किया गया था,
जिसमें 50 सवालों में से तीन सवाल गलत निकले. अब ऐसे में हमारे 150 सवालों
में कितनी गलती होगी ये अंदाजा लगाया जा सकता है.
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