एनबीटी ब्यूरो, इलाहाबाद : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 72,825 सहायक अध्यापक
भर्ती में से रिक्त पदों पर उन शिक्षामित्रों को समायोजित करने की मांग
नामंजूर कर दी है, जिन्होंने सहायक अध्यापक पद की न्यूनतम अर्हता हासिल कर
ली है और पूर्व में समायोजित सहायक अध्यापक थे।
विकल प्रताप सिंह और अन्य
की याचिका पर जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र ने सुनवाई की। याचिका में मांग की
गई थी कि याची जिन विद्यालयों में पढ़ा रहे हैं, उन्हीं विद्यालयों में उनकी
सेवाएं सहायक अध्यापक के तौर पर जारी रखी जाएं। याचीगण 2004-06 में
शिक्षामित्र के तौर पर नियुक्त हुए थे और बाद में सहायक अध्यापक के पद पर
समायोजित कर दिए गए। बाद में हाई कोर्ट की बेंच ने उनका समायोजन रद कर
दिया। सुप्रीम कोर्ट ने फुल बेंच के आदेश को सही ठहराया। सुप्रीम कोर्ट ने
72,825 सहायक अध्यापक भर्ती में रिक्त बचे पदों का नये सिरे से विज्ञापन
जारी कर भर्ती करने के लिए कहा।
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