विश्वविद्यालयों
व महाविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती में यूजीसी के नए रोस्टर को आरक्षण
विरोधी बताते हुए आंबेडकर विश्वविद्यालय के छात्रों ने लखनऊ के हजरतगंज
में प्रदर्शन किया। जिन पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। जिससे कुछ देर के
लिए भगदड़ मच गई। लाठीचार्ज में कई छात्र घायल हो गए।
छात्रों का कहना है कि 5 मार्च को 2018 को जारी किए गए यूजीसी के रोस्टर के लागू होने से एसिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर के पदों पर एससी/एसटी का प्रतिनिधित्व समाप्त हो जाएगा। इसके विरोध में हम प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्र मुख्यमंत्री आवास की तरफ जा रहे थे। वो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को इस रोस्टर के खिलाफ ज्ञापन सौंपना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें हजरतगंज में ही रोका और उन पर लाठी चार्ज कर दिया।
छात्रों का कहना है कि पहले से ही कई पदों पर भर्ती नहीं की गई है और अगर ये प्रावधान लागू हो गया तो इन पदों से आरक्षण खत्म हो जाएगा। छात्रों की पुलिसकर्मियों से बहस भी हुई। उनका कहना है कि दलितों को उनका हक मिलना ही चाहिए।
छात्रों का कहना है कि 5 मार्च को 2018 को जारी किए गए यूजीसी के रोस्टर के लागू होने से एसिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर के पदों पर एससी/एसटी का प्रतिनिधित्व समाप्त हो जाएगा। इसके विरोध में हम प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी छात्र मुख्यमंत्री आवास की तरफ जा रहे थे। वो भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को इस रोस्टर के खिलाफ ज्ञापन सौंपना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें हजरतगंज में ही रोका और उन पर लाठी चार्ज कर दिया।
छात्रों का कहना है कि पहले से ही कई पदों पर भर्ती नहीं की गई है और अगर ये प्रावधान लागू हो गया तो इन पदों से आरक्षण खत्म हो जाएगा। छात्रों की पुलिसकर्मियों से बहस भी हुई। उनका कहना है कि दलितों को उनका हक मिलना ही चाहिए।