42 के स्थान पर किए थे 112 नियुक्ति पत्र जारी

जागरण संवाददाता, मथुरा: परिषदीय विद्यालयों में फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाला बिना विभागीय अधिकारियों के संभव नजर नहीं आ रहा है। परिषदीय जूनियर हाईस्कूल विद्यालयों में केवल 42 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र जारी किए जा सकते थे, लेकिन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 112 नियुक्ति पत्र जारी किए गए। इन नियुक्ति पत्रों में
केवल चार शिक्षकों के ही नियुक्ति पत्र सही निकले थे। 108 शिक्षकों को फर्जी दस्तावेज से नियुक्तियां दी गईं ।
सवाल उठता है कि जब विभाग द्वारा केवल चार ही सही नियुक्ति पत्र जारी किए गए तो इतनी बड़ी संख्या में नियुक्तियों कैसे हो गईं। अंतिम तिथि तक स्थानीय कार्यालय ने पदभार ग्रहण करने वाले शिक्षकों की लिस्ट तैयार नहीं की गई।


2013 में जूनियर हाईस्कूल विज्ञान, गणित शिक्षक भर्ती के लिए प्रदेश में 29334 जगह निकली थीं। इसमें मथुरा में 292 पद स्वीकृत थे। 2015 में 257 को नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे, इनमें से 215 ने पदभार ग्रहण कर लिया था। जिले में 42 अभ्यर्थियों द्वारा पदभार ग्रहण नहीं किया था। प्रदेश भर में जो शिक्षक पदभार ग्रहण नहीं कर सके थे, वह पदभार ग्रहण करने को कोशिश कर रहे थे। बेसिक शिक्षा विभाग के सचिव द्वारा ऐसे अभ्यर्थियों को 17 दिसंबर 2017 तक पदभार ग्रहण करने का अंतिम मौका दिया। मथुरा में जो 42 अभ्यर्थी पदभार ग्रहण करने से रह गए थे, केवल उनको ही नियुक्ति पत्र जारी किया जा सकता था। लेकिन इस आदेश का फायदा उठाते हुए शिक्षक भर्ती घोटाला के रैकेट ने विभागीय अधिकारियों से मिलकर 112 नियुक्ति पत्र जारी कर दिए। इसमें केवल चार शिक्षकों के ही नियुक्ति पत्र जारी किए। यह नियुक्ति पत्र बीएसए के फर्जी हस्ताक्षर से जारी बताए जा रहे हैँ। सवाल उठता है कि पदभार ग्रहण तो विभाग को कराना था, जब विभाग द्वारा नियुक्ति पत्र जारी नहीं किए गए तो शिक्षकों द्वारा पदभार ग्रहण कैसे कर लिया गया। अंतिम तिथि तक पदभार ग्रहण करने वाले शिक्षकों की सूची वरिष्ठ अधिकारियों को क्यों नहीं भेजी गई थी।