इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग यानी यूपी पीएससी एलटी ग्रेड शिक्षक भर्ती
की लिखित परीक्षा को लेकर असमंजस में है। साढ़े सात लाख से अधिक दावेदारों
की अर्हता/पात्रता की जांच न करने के कारण उसे बार-बार आदेश जारी करना पड़
रहा है।
हालत यह है कि यूपी पीएससी ने बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थियों के
प्रवेशपत्र भी जारी कर दिए हैं, जिनकी याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं। उनसे
अब कहा जा रहा है कि वह इम्तिहान में शामिल न हों।1यूपी पीएससी पहली बार
एलटी ग्रेड शिक्षकों की लिखित परीक्षा करा रहा है। 29 जुलाई की परीक्षा के
लिए 21 जुलाई को देर शाम प्रवेश पत्र जारी हुए। उस दिन अफसरों ने कहा कि 67
याचिकाओं के अभ्यर्थियों को प्रवेश पत्र जारी नहीं होंगे, क्योंकि
हाईकोर्ट उनकी याचिका खारिज कर दी है। 23 जुलाई को यूपी पीएससी की ओर से
कहा गया कि हाईकोर्ट में 17 हजार से अधिक याचिकाएं दाखिल हैं, उनमें से कई
खारिज हो चुकी हैं लेकिन, जिनकी याचिका पर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है,
उन्हें परीक्षा में शामिल होने का औपबंधिक रूप से मौका दिया जाएगा। उनके
प्रवेश पत्र जारी हो रहे हैं। अब कहा जा रहा है कि कई याचिकाओं पर कोर्ट ने
अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने का मौका देने का अंतरिम आदेश दिया
था। इस निर्देश के अनुपालन में यूपी पीएससी ने केवल याचियों को आवेदन की
अनुमति दी गई है। इनसे औपबंधिक रूप से ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन लिए गए थे।
1यूपी पीएससी की परीक्षा नियंत्रक अंजू कटियार की ओर से दावा किया गया है
कि पिछले दिनों हाईकोर्ट ने एलटी ग्रेड कंप्यूटर व आयु सीमा में छूट
संबंधित याचिकाएं निरस्त कर दी हैं, हालांकि इनके प्रवेश पत्र जारी हो चुके
हैं। ऐसे में निरस्त हुई याचिकाओं से संबंधित अभ्यर्थियों को सूचित किया
जाता है कि प्रवेशपत्र मिलने के बाद भी वे परीक्षा में शामिल न हों। अगर
ऐसे अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए तो हाईकोर्ट के निर्देश पर उन पर कोई
विचार न करते हुए अभ्यर्थन निरस्त माना जाएगा।