इस गैंग के लोग अभी तक प्रदेश की कई सरकारी नौकरियों में पेपर हल करवा चुके हैं। एक पेपर को हल करने का बीस से तीस हजार रुपये तक लिया जाता है। एसटीएफ के अफसरों का कहना है कि पिछले दिनों जो पुलिस परीक्षा हुई थी उसमें भी सॉल्वर गैंग ने काफी हाथ पांव मारे थे लेकिन कामयाबी नहीं मिली थी।
कई सरकारी विभागों की नौकरियों के लिए होने वाली परीक्षाओं में यह लोग अपने आदमी बैठा चुके हैं। इनका नेटवर्क साठ लोगों का है। एसटीएफ मथुरा के साथ अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, कानपुर, झांसी, इलाहाबाद, वाराणसी, गोरखपुर मंडल में इनका नेटवर्क खंगाल रही है।
एसटीएफ के एसपी आलोक प्रियदर्शी का कहना है कि इस नेटवर्क ने कई विभागों में अपनी जड़ें जमा रखी हैं। नौकरी लगवाने के लिए बेरोजगारों से सौदेबाजी की जाती है। कुछ नाम सामने आए हैं जिनसे पूछताछ करने की तैयारी हो रही है।
श्रावस्ती में बड़े पैमाने पर हुईं फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति
शिक्षक भर्ती घोटाले के मास्टमाइंड राजवीर गुर्जर की गिरफ्तारी के बाद पता चला है कि श्रीवास्ती में भी बड़े पैमाने पर फर्जी शिक्षकों की भर्ती कराई गई है। एसटीएफ के अफसरों का कहना है कि वहां भी भर्ती घोटाले की जांच की जाएगी।
सियासी संरक्षण हासिल है इस गैंग को
मथुरा। फर्जी शिक्षकों की भर्ती कराने वाले गैंग को सियासी संरक्षण प्राप्त है। सरकार भले ही बदल जाए लेकिन इनका नेटवर्क काम करता रहता है। पुलिस को दो बड़े माफिया की तलाश है जो सियासी संरक्षण में इस समय हैं।