मृत्युंजय से एसटीएफ को पता चला है कि परीक्षाओं में पेपर हल कराने वाले लोग बिहार में कोचिंग संचालक और कोचिंग करने वाले छात्रों के संपर्क में रहते हैं। पहले ऐसे लोगों की संख्या 800 के करीब थी, लेकिन अब जब से गिरफ्तारियां होने लगी हैं वहां से आने वाले साल्वर की संख्या कम हो गई है। हालांकि गैंग से जुड़े लोग जमानत तक कराने की जिम्मेदारी लेते हैं, लेकिन फिर भी अब बिहार से कम लोग आते हैं। एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि कुछ प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक भी पेपर हल करने के लिए आते हैं। स्कूल से छुट्टी लेकर यहां पहुंचते हैं।
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यूपी के गैंग ने बिहार में तैयार कर रखे 800 साल्वर, हर विषय का होता है स्पेशल मास्टर
उत्तर प्रदेश में सक्रिय साल्वर गैंग ने पेपर हल करने के लिए बिहार में ही
करीब 800 साल्वर तय कर रखे हैं। इनमें कोई साइंस का जानकार है तो कोई गणित
और अंग्रेजी का। कई तो प्राइवेट स्कूलों में शिक्षक हैं या फिर अपनी कोचिंग
चलाते हैं। कोचिंग में पढ़ने वाले छात्रों को भी साल्वर बना लिया गया है।
उत्तर प्रदेश में होने वाली हर परीक्षा में साल्वर गैंग अभी तक सेंधमारी
करता रहा है। पिछले दो साल से जरूर एसटीएफ या फिर दूसरी एजेंसियों की
सक्रियता के चलते साल्वर गैंग अपने मंसूबों में पूरी तरह से कामयाब नहीं हो
पा रहा है, वरना तो पेपर आउट कराना या फिर सेंटर से बाहर कापी लिखवाना
इनके लिए बड़ा आसान था। रविवार को ही शिक्षक भर्ती परीक्षा में कई जगह
साल्वर पकड़े गए। मथुरा में भी जैन चौरासी इंटर कालेज में बिहार के खेरा के
गांव निवासी मृत्युंजय कुमार को पकड़ा था। एसटीएफ ने उससे पूरे नेटवर्क के
बारे में जानकारी की।
मृत्युंजय से एसटीएफ को पता चला है कि परीक्षाओं में पेपर हल कराने वाले लोग बिहार में कोचिंग संचालक और कोचिंग करने वाले छात्रों के संपर्क में रहते हैं। पहले ऐसे लोगों की संख्या 800 के करीब थी, लेकिन अब जब से गिरफ्तारियां होने लगी हैं वहां से आने वाले साल्वर की संख्या कम हो गई है। हालांकि गैंग से जुड़े लोग जमानत तक कराने की जिम्मेदारी लेते हैं, लेकिन फिर भी अब बिहार से कम लोग आते हैं। एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि कुछ प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक भी पेपर हल करने के लिए आते हैं। स्कूल से छुट्टी लेकर यहां पहुंचते हैं।
मृत्युंजय से एसटीएफ को पता चला है कि परीक्षाओं में पेपर हल कराने वाले लोग बिहार में कोचिंग संचालक और कोचिंग करने वाले छात्रों के संपर्क में रहते हैं। पहले ऐसे लोगों की संख्या 800 के करीब थी, लेकिन अब जब से गिरफ्तारियां होने लगी हैं वहां से आने वाले साल्वर की संख्या कम हो गई है। हालांकि गैंग से जुड़े लोग जमानत तक कराने की जिम्मेदारी लेते हैं, लेकिन फिर भी अब बिहार से कम लोग आते हैं। एसटीएफ के अधिकारियों का कहना है कि कुछ प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक भी पेपर हल करने के लिए आते हैं। स्कूल से छुट्टी लेकर यहां पहुंचते हैं।