यूपी के मथुरा में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उस वक्त खलबली मच गई जब पुलिस की दो टीम कार्यालय पहुंची. अचानक अधिकारियों को देखकर कार्यालय में देखकर कर्मचारियों में अफरातफरी मच गई.
दरअसल, शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच करने के लिए पुलिस कार्यालय पहुंची थी.
टीम ने दर्जनों कर्मचारियों से पूछताछ की और दस साल पुराने रिकार्ड्स भी
खंगाले. बता दें कि साल 2017 में प्रदेश में बारह हजार शिक्षकों की भर्ती
की गई. जनपद में 256 शिक्षकों के पद भरे गए थे. आरोप है कि बीएसए कार्यालय
में तैनात लिपिक महेश कुमार बडे़ पैमाने पर फर्जी दस्तावेज तैयार करके
फर्जी शिक्षकों की तैनाती कराई थी.
महेश कुमार ने शिक्षकों से बदले में मोटी रकम ली थी, जिसका एक हिस्सा
अधिकारियों तक पहुंचाया गया. मथुरा में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच
एसटीएफ कर रही है. पुलिस चौदह फर्जी शिक्षकों को गिरफ्तार करके जेल
भेज चुकी है.
वहीं,
घोटाले का मास्टरमाइड महेश कुमार भी सलाखो के पीछे हैं. शिक्षक भर्ती में
घोटाले कई सालों से चले आ रहे हैं. इसलिए पुलिस अब दस साल पुराने रिकार्ड
खंगालने में लगी है, क्योंकि मथुरा में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले के तार
अन्य जिले में भी फैले हुए हैं . पुलिस बीएसए कार्यालय में कर्मचारी और
अधिकारियों से भी पूछताछ कर रही है.
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