ऐसे में शिक्षामित्र जब एक क्लास को पढ़ाते नजर आया तो बाकी क्लासेज के बच्चे टीचर का इंतजार ही करते रहे.
विभिन्न संगठनों ने मिलकर पुरानी पेंशन बहाली की मांग लेकर महारैली का आयोजन किया. इसमें शिक्षक, कर्मचारी सभी शामिल हुए. न्यूज 18 की टीम जब स्कूलों में पहुंची तो देखा अधिकतर स्कूलों में ताले लटके हुए थे. शिक्षक स्कूल तो पहुंचे लेकिन बच्चों को वापस घर भेजकर रैली में शामिल होने चले गए. स्कूलों के गेट पर भी सूचना लिखी नजर आई कि शिक्षक रैली में शामिल होने गए हैं.
गेट पर लिख दी सूचना- धरनास्थल पर जा रही हूं
वहीं उच्च प्राथमिक विद्यालय जियामऊ के बच्चों को तो प्राथमिक विद्यालय में शिफ्ट कर दिया गया. लेकिन प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक भी उस रैली में शामिल होने गए थे. ऐसे में वहां मौजूद एक शिक्षामित्र ने ही स्कूल खोले रखा और बच्चों को मिड डे मील खिलाने के साथ पढ़ाने की कोशिश की. लेकिन अकेले 8 क्लासेज को कैसे पढ़ाया गया होगा यह समझा जा सकता है.
दो स्कूलों की कुल 8 कक्षाओं को अकेले संभालती शिक्षामित्र
शिक्षामित्र पुनीता कहती हैं कि हमारे यहां के शिक्षक प्रदर्शन में गए हैं, ऐसे में अलग-अलग 8 कक्षाओं की क्लास लेने की जिम्मेदारी उन्हीं की है. वह कहती हैं कि मिड डे मील देने के बाद छोटे बच्चों को पढ़ाया, अब बड़े बच्चों की क्लास ले रही हूं. यह हाल किसी एक-दो स्कूल का नहीं बल्कि अधिकतर स्कूलों का रहा. कुल मिलाकर सरकार और संगठनों के बीच चल रही पेंशन बहाली की लड़ाई के बीच मासूम छात्रों को पिसना पड़ा.