सभी का डाटा एकत्र करने का कार्य शुरू कर दिया गया है। एसटीएफ ने मथुरा में 18 जून को 108 फर्जी शिक्षकों की भर्ती घोटाले का खुलासा किया था। मामले में 13 लोगों को जेल भी भेजा गया था। 23 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस घोटाले के प्रकाश में आने के बाद शासन की ओर से सूबे के कुछ जनपद को छोड़ कर अन्य जिलों में कमेटी का गठन कर 2010 के बाद नियुक्ति सभी शिक्षकों की जांच कराने के निर्देश दिए गए थे। इसके लिए कमेटी का भी गठन किया गया था। इसमें एडी बेसिक राजेश कुमार आर्य के साथ एडीएम प्रशासन नरेंद्र सिंह और एसपी सिटी कमलेश बहादुर सिंह को भी शामिल किया गया था। कमेटी ने यहां भी शिक्षकों की जांच की कवायद शुरू कर दी है। वर्ष 2010 के बाद जनपद में लगभग 4460 शिक्षकों की तैनाती हुई है। फिलहाल सभी शिक्षकों का डाटा एकत्र करने की कवायद की जा रही है।
आजमगढ़। जनपद में पहले से चल रही जांच में भी कई फर्जी शिक्षकों की सेवा समाप्ति की जा चुकी है। सबसे ज्यादा फर्जी शिक्षक 15000 और 16648 भर्ती में पकड़े गए थे। फर्जी शिक्षकों की जांच पहले से ही डीएसटीओ डॉ. अर्चना सिंह और एडीएसटीओ सुनील सिंह कर रहे हैं। कई फर्जी शिक्षकों को इनकी ओर से पकड़ा जा चुका है। उन्होंने सौ अन्य शिक्षकों के फर्जी होने की बात कही थी। एक बार फिर जांच शुरू होने से फर्जी शिक्षकों में हड़कंप मचा है।
शासन की ओर से कमेटी गठित कर वर्ष 2010 के बाद नियुक्त शिक्षकों की जांच के आदेश दिए गए थे। लगभग 4460 शिक्षक इसकी दायरे में आ रहे हैं। अभी शिक्षकों का डाटा एकत्र किया जा रहा है। इसके बाद जांच शुरू की जाएगी।
नरेंद्र सिंह, एडीएम प्रशासन