बीटीसी 2015 चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षाएं निरस्त कर दी गई हैं।
कौशाम्बी में सोमवार को परीक्षा शुरू होने से एक दिन पहले सभी विषयों का
पेपर लीक होने के बाद सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी ने प्रदेशभर की
परीक्षा निरस्त करने का निर्णय लिया है।
इसी के साथ 72 हजार से अधिक बीटीसी
प्रशिक्षुओं का भविष्य अधर में पड़ गया है। चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा
टलने के कारण सभी प्रशिक्षु दिसंबर में प्रस्तावित 95 हजार से अधिक सहायक
अध्यापकों की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा से बाहर हो जाएंगे।
ये प्रशिक्षु अपीयरिंग के आधार पर चार नवंबर को प्रस्तावित टीईटी 2018 में
तो शामिल हो जाएंगे लेकिन शिक्षक भर्ती की परीक्षा नहीं दे सकेंगे क्योंकि
उसके लिए बीटीसी चतुर्थ सेमेस्टर पूरा होना अनिवार्य है और इतने कम समय में
चतुर्थ सेमेस्टर का परिणाम आना संभव नहीं। 8 से 10 अक्टूबर तक प्रस्तावित
परीक्षा के लिए 72688 प्रशिक्षुओं को प्रवेश पत्र जारी हुआ था। पहले दिन
सोमवार की परीक्षा से पहले रविवार रात को ही तीन दिनों में होने वाले सातों
विषयों के पेपर कौशाम्बी में व्हाट्सएप पर वायरल हो गया।
आपके अपने अखबार 'हिन्दुस्तान' ने 'बीटीसी के चतुर्थ सेमेस्टर का पेपर लीक'
शीर्षक से खबर प्रकाशित की तो हड़कंप मच गया। डीएम मनीष कुमार वर्मा के
निर्देश पर डीआईओएस सत्येंद्र कुमार सिंह ने पहली पाली की परीक्षा खत्म
होने के बाद पेपर का मिलान किया। गणित व अंग्रेजी के प्रश्न पत्रों की जांच
वायरल हुए पेपर से की गई। तो जांच में वायरल पेपर सही पाया गया।
पुष्टि होने के बाद डीआईओएस ने इसकी जानकारी डीएम और शिक्षा विभाग के उच्च
अधिकारियों को दी। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने
बताया कि सभी पेपर के पहले पन्ने का मिलान करने पर पेपर लीक होने की पुष्टि
हुई है। डीआईओएस को एफआईआर कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही चतुर्थ
सेमेस्टर की परीक्षा निरस्त करने का निर्णय लिया गया है। परीक्षा की अगली
तिथि बाद में घोषित होगी।
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