लखनऊ. शिक्षामित्र एक बार फिर उत्तर प्रदेश सरकार की
टेंशन बढ़ाने को तैयार हैं। सरकार को अल्टीमेटम देते हुए शिक्षमित्रों ने
कहा कि दीपावली तक मांगें न पूरी होने पर शिक्षामित्र 10 को नवंबर को
विधानसभा का घेराव करेंगे।
गौरतलब है कि इससे पहले भी यूपी के शिक्षामित्र
राजधानी लखनऊ में बड़ा आंदोलन कर चुके हैं। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ
के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने शिक्षामित्रों के मामले में सरकार
पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया।
अनिल कुमार यादव ने कहा कि शिक्षामित्रों के मामले में योगी आदित्यनाथ
सरकार झूठ बोल रही है। कहा कि शिक्षामित्रों के मामले में मुख्यमंत्री,
उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, बेसिक शिक्षा मंत्री अनुपमा जायसवाल और
प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा से की दौर की बातचीत हुई, बावजूद इसके सरकार की
ओर से कोई कदम नहीं उठाया गया। अब शिक्षामित्र दीपावली के बाद लखनऊ में
विधानसभा का घेराव करेंगे।
शिक्षामित्रों की प्रमुख मांगें
उत्तर प्रदेश
बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान की तर्ज पर शिक्षामित्रों को
पूर्णकालिक शिक्षकों की तरह महंगाई व आवास भत्ता, चिकित्सा अवकाश दिया
जाये। वहीं, महिला शिक्षामित्रों के लिये सरकार मातृत्व अवकाश व चाइल्ड
केयर लीव देने की व्यवस्था की जाये। संघ के प्रदेश महामंत्री धर्मेंद्र
कुमार ने कहा कि सरकार शिक्षामित्रों को 60 वर्ष तक नौकरी के साथ ही उन्हें
प्रतिमाह 38,800 रुपये मानदेय दे। इस दौरान उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक
संघ के पदाधिकारियों ने हाल ही में संपन्न हुई 68,500 शिक्षक भर्ती की
सीबीआई से जांच कराने की मांग की।
शिक्षामित्रों की मांगें एक नजर में
1- महंगाई भत्ता
2- आवास भत्ता
3- चिकित्सा अवकाश
4- महिला शिक्षामित्रों को मातृत्व अवकाश व चाइल्ड केयर लीव
5- प्रतिमाह 38,800 रुपये मानदेय
6- शिक्षक भर्ती में सीबीआई जांच की मांग
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रद्द हुआ था शिक्षामित्रों का समायोजन
सुप्रीम
कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के 1.37 लाख शिक्षामित्रों का सहायक
अध्यापक के पद से समायोजन रद कर दिया गया था। इसके बाद से शिक्षामित्र
स्थायी किये जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षामित्रों के
प्रदर्शन को देखते हुए योगी आदित्यनाथ सरकार ने शिक्षामित्रों को राहत देते
हुए उनका मानदेय बढ़ाकर 10 हजार रुपये प्रतिमाह कर दिया। लेकिन
शिक्षामित्र उपरोक्त मांगों को लेकर अड़े हैं।
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