प्रश्न बहुत ही महत्वपूर्ण है। शिक्षामित्रों का मानदेय वृद्धि एक लंबे समय से चली आ रही मांग है और इस पर अक्सर चर्चा होती रहती है।
उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र लंबे समय से मानदेय वृद्धि और अपनी अन्य समस्याओं के समाधान का इंतजार कर रहे हैं। हाल ही में शिक्षामित्र संघ ने शिक्षामंत्री के साथ बैठक में शिक्षामित्रों की मांगों को रखा। इस बीच, एक वायरल ऑडियो शिक्षामित्रों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसमें यह दावा किया जा रहा है कि शिक्षामित्रों को जल्द ही 36,000 रुपये से अधिक मानदेय मिलेगा। हालांकि, इस ऑडियो की पुष्टि नहीं है।
वायरल ऑडियो को लेकर प्रदेश में चर्चाएं तेज हैं। इस बीच उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने इस पर बयान जारी करते हुए स्पष्ट किया कि इस ऑडियो को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। शिवकुमार शुक्ला ने कहा, “जो ऑडियो शिक्षामित्रों के बीच वायरल हो रहा है, वह पूरी तरह से आधारहीन है। मैं सभी से निवेदन करता हूं कि ऐसी अफवाहों पर ध्यान न दें, जिससे शिक्षामित्रों को अनावश्यक भ्रम और आघात पहुंचे। हमारे संज्ञान में 36,000 रुपये मानदेय की कोई जानकारी नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री से उनकी बैठक हुई थी, जिसमें मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि चुनाव के बाद ही इस मुद्दे पर कोई ठोस घोषणा की जाएगी। मुख्यमंत्री और बेसिक शिक्षा मंत्री के साथ होने वाली संयुक्त बैठक भी तय थी, लेकिन वह अब तक आयोजित नहीं हो सकी। इसके बावजूद, बेसिक शिक्षा विभाग की एक बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें मंत्री भी मौजूद रहे और शिक्षामित्रों के मुद्दों पर चर्चा की गई।
शुक्ला ने कहा, “मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि चुनाव के बाद सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। यदि इससे पहले मानदेय वृद्धि की कोई घोषणा होती है, तो यह सराहनीय होगा, लेकिन हमें उम्मीद है कि चुनाव के बाद ही कोई ठोस निर्णय सामने आएगा।” शिक्षामित्रों के बीच वायरल हो रहे ऑडियो को लेकर अध्यक्ष ने दोबारा अपील की कि अफवाहों पर विश्वास न करें और संगठन के माध्यम से ही किसी भी सूचना पर भरोसा करें।