पीलीभीत, बेसिक शिक्षा परिषद के पषिदीय प्राथमिक स्कूलों में बेसिक शिक्षा के तहत कार्यरत शिक्षामित्रों को सितंबर माह का भी मानदेय नहीं मिल सका है। आरोप है कि वित्त लेखाधिकारी की मनमानी के चलते ग्रांट होने के बाद भी भुगतान करने में देरी की जा रही है। जबकि शासन से इस बार 30 अक्टूबर तक समस्त भुगतान करने के निर्देश हैं। मानदेय न मिलने से शिक्षामित्रों को पर्व की खुशी फींकी रहने का डर सता रहा है।
आदर्श समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर मानदेय दिलाने की मांग की गई है। पीलीभीत जिले के परिषदीय स्कूलों में बेसिक शिक्षा के तहत करीब 70 शिक्षामित्र प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षण कार्य कर रहे है। इनमें पूरनपुर ब्लाक में सर्वाधिक 36 शिक्षामित्र हैं। आरोप है कि वित्त लेखा अधिकारी और कार्यालय के लिपिक की लापरवाही के चलते शिक्षामित्रों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
जबकि समग्र शिक्षा अभियान के शिक्षामित्रों को प्रति माह मानदेय मिल जाता है लेकिन बेसिक के शिक्षामित्रों का मानदेय हमेशा बिलंब से दिया जाता है। बीएसए ऑफिस से मानदेय बिल प्रत्येक माह समय से लेखा विभाग को रिसीव करा दिया जाता है। आरोप है कि वित्त लेखा विभाग की लापरवाही के चलते तैनात लिपिक कार्यालय से आए दिन गायब रहते हैं और मोबाइल फोन स्विच ऑफ रखते हैं।
इस कारण शिक्षामित्रों का सितंबर महीने का मानदेय अभी तक नहीं मिल सका है। जबकि मुख्यमंत्री ने सभी कर्मचारियों को अक्टूबर महीने का मानदेय दीपावली पर्व से पहले देने के निर्देश दिए है। पत्र भेजने वालों में आदर्श समायोजित शिक्षक-शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के ब्लाक अध्यक्ष वेदपाल सिंह, दिलनवाज खान, रईस अहमद, राकेश कुमार, तुलसी ढाली, अरुणा सिंह, जयशंकर शर्मा, प्रेमशंकर, गीता देवी, एजाज अहमद, योगेंद्र कुमार, कामिल खान, जनार्दन प्रसाद, जागृति मिश्रा आदि शामिल रहे।