चयन बोर्ड की ओर से जारी टीजीटी-पीजीटी रिजल्ट सवालाें के घेरे में : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का टीजीटी-पीजीटी परिणाम गड़बड़ी की भेंट चढ़ सकता है। चयन बोर्ड की ओर से जारी होने वाले परिणाम को लेकर परीक्षार्थियों ने सवाल खड़े कर दिए हैं।
इन अभ्यर्थियों का दावा है कि चयन बोर्ड की ओर से जारी आंसर-की से जांच के बाद उनके अंक बोर्ड की ओर से जारी परिणाम में सफल अभ्यर्थियों से अधिक होने के बाद भी उन्हें लिखित परीक्षा में सफल घोषित नहीं किया गया। प्रवेश परीक्षा पर सवाल उठाने वालों में टीजीटी हिंदी, संस्कृत, पीजीटी इतिहास, पीजीटी कला, पीजीटी अर्थशास्त्र सहित कई अन्य विषयों के परीक्षार्थी शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की ओर से पूर्व में गलत परिणाम जारी करने के बाद साक्षात्कार पूरा कर अंतिम रिजल्ट जारी करके अभ्यर्थियों को ज्वाइनिंग दे दी गई। हाईकोर्ट के आदेश के बाद जब विशेषज्ञों की टीम से प्रश्नपत्र की जांच की तो कई प्रश्नों के उत्तर बदल गए। इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश पर पूरा परिणाम बदल गया। इसमें शिक्षक के रूप में एक से दो वर्ष नौकरी करने के बाद उन्हें बाहर कर दिया गया। परीक्षार्थियों का कहना है कि चयन बोर्ड ने आंसर-की जारी करने के बाद उनकी आपत्तियों के निस्तारण के बिना ही अंतिम परिणाम जारी कर दिया। इस कारण से परिणाम में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आ रही है।


परीक्षार्थियों का कहना है कि उनकी आपत्तियों का निस्तारण किए बिना यदि साक्षात्कार कराए गए तो वह हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे। सबसे अधिक नाराजगी टीजीटी हिंदी, पीजीटी इतिहास एवं अर्थशास्त्र के परीक्षार्थियों में है। चयन बोर्ड की ओर से जारी परिणाम को आंसर-की से मिलान के बाद अभ्यर्थियों का दावा है कि उनका नंबर अधिक होने के बाद भी चयन नहीं मिला है।
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