शिक्षक भर्ती के लिए न पद कम है और न दावेदार , नियमों की राह देख रहीं नौकरियां

धर्मेश अवस्थी, इलाहाबाद शिक्षक भर्ती के लिए न पद कम है और न दावेदार, बल्कि इसमें सबसे बड़ी बाधा नियम बने हैं। यह तय न होने से हजारों नौकरियां अधर में अटकी हैं।
नए नियम बनाने के लिए शिक्षा निदेशालय से शासन को प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है, लेकिन वह भी कई माह से लंबित है। इससे पुरानी नियुक्तियां न पूरी हो पा रही हैं और न नई नियुक्तियों की ओर हाथ बढ़ाए जा रहे हैं। सभी नौकरियां नियमों की राह देख रही हैं।
प्रदेश के राजकीय कालेजों के एलटी ग्रेड (स्नातक) शिक्षकों की नियुक्ति का पैटर्न दुरुस्त न होने से पर्याप्त नियुक्तियां नहीं हो सकी हैं। दो बरस से 6645 एलटी ग्रेड शिक्षकों की तलाश की जा रही है, लेकिन आधे से कम पद भरे जा सके हैं। इसीलिए माध्यमिक शिक्षा के अफसरों ने भर्ती के नियमों में बदलाव का प्रस्ताव भेजा है। इसके तहत राज्य स्तर पर एलटी ग्रेड शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकेगी।

इसमें नियुक्ति अधिकारी माध्यमिक शिक्षा निदेशक या अपर निदेशक होगा। इसे अनुमोदन के लिए शासन को भेजा गया है, लेकिन शासन की मंजूरी अभी तक नहीं मिल पाई है। इस पर मुहर लगने से सबसे बड़ा लाभ एलटी ग्रेड शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया तेज हो जाएगी, क्योंकि पूरे प्रदेश की एक मेरिट बनेगी। दूसरा फायदा यह है कि प्रदेश के किसी भी जिले में तबादला होने पर शिक्षक की वरिष्ठता नहीं जाएगी। साथ ही तबादले आसानी से होंगे। तीसरा लाभ प्रमोशन में पारदर्शिता रहेगी।

इसी बीच माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती में उच्च प्राथमिक विद्यालयों की टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को वरीयता देने का भी निर्देश दिया है। वहीं, पुरानी भर्तियां पूरी न होने पर संयुक्त शिक्षा निदेशकों को फटकार लगाई जा चुकी है और नए पदों को भी भरने का निर्देश दिया गया है, लेकिन अफसर नियम तय होने तक भर्तियां शुरू कराने के पक्ष में नहीं है। उनका कहना है कि शासन में लंबित प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी एवं युवाओं को चयनित करना आसान होगा। 1उधर, माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक रमेश ने कहा है कि एलटी ग्रेड शिक्षकों की राज्य स्तर पर नियुक्तियां होने से पूरे संवर्ग को लाभ मिलेगा और भर्तियां भी तेजी से होंगी।

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