आगरा। शिक्षामित्रों के बाद 2300 सहायक शिक्षकों की नौकरी पर खतरा
मंडराने लगा है, इनकी नौकरी कभी भी जा सकती है। ये सभी वे शिक्षक हैं,
जिनके द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटभ् से वर्ष 2003 04 में बीएड की
फर्जी डिग्री से सहायक अध्यापक की नौकरी प्राप्त की थी।
स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम यानि एसआईटी ने इनकी डिग्री निरस्त करने की संस्तुति की है।
हो जाएगी छुट्टी
एसआईटी ने इनकी डिग्री निरस्त करने की संस्तुति की है। जैसे ही यह कार्रवाई होगी, वैसे ही बेसिक शिक्षा विभाग इनकी छुट्टी कर देगा। सूत्रों की मानें तो इसके लिए विभाग को लिखा जा चुका है। इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। इन्हें जेल की हवा खानी पड़ सकती है। सूत्रों ने बताया कि 4000 डिग्री के रोल नंबर बेसिक शिक्षा विभाग को दिए गए थे। पूछा गया था कि कितने अध्यापकों के पास ये डिग्रियां हैं। ऐसे 2300 अध्यापक पाए गए। जांच टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के आला अफसरों ने कहा है कि सहायक अध्यापकों पर कार्रवाई तब तक नहीं की जा सकती है जब तक कि यूनिवर्सिटी से इनकी डिग्री फर्जी घोषित नहीं कर दी जाती हैं।
यहां के लोगों ने उठाया फायदा
एसआईटी बीएड सत्र 2003-04 की जांच कर रही है। इसमें लगभग 4000 डिग्रियां फर्जी पाई जा चुकी हैं। यह भी पता चला है कि इन फर्जी डिग्रियों के सहारे 2300 लोगों ने सहायक अध्यापक की नौकरी पाई है। इनमें से ज्यादातर आगरा, अलीगढ़, कानपुर, झांसी मंडल में तैनात हैं। आगरा यूनिवर्सिटी के रिकार्ड से एसआईटी ने दो लिस्ट तैयार कीं। एक उन अभ्यर्थियों की जिनका 2003-04 में बीएड में रजिस्ट्रेशन था। इनकी संख्या 8132 है। दूसरी लिस्ट चार्ज रूम से तैयार की गई। इसमें बीएड की डिग्री 11132 निकली हैं। दोनों का मिलान करने के बाद 4000 डिग्री फर्जी पाई गईं हैं।
दूसरी बार दी है रिपोर्ट
बेसिक शिक्षा विभाग को पहले भी रिपोर्ट दी गई थी। तब एसआईटी से चूक हुई थी। असली और फर्जी मार्कशीट अलग-अलग नहीं की गई थी। विवि से कहा था कि 2003-04 के सत्र में गड़बड़झाला हुआ है, इसलिए पूरा सत्र शून्य घोषित किया जाए। इसी आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग को कार्रवाई के लिए कहा था। अब साक्ष्य के साथ लिस्ट सौंपी है।
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स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम यानि एसआईटी ने इनकी डिग्री निरस्त करने की संस्तुति की है।
हो जाएगी छुट्टी
एसआईटी ने इनकी डिग्री निरस्त करने की संस्तुति की है। जैसे ही यह कार्रवाई होगी, वैसे ही बेसिक शिक्षा विभाग इनकी छुट्टी कर देगा। सूत्रों की मानें तो इसके लिए विभाग को लिखा जा चुका है। इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी। इन्हें जेल की हवा खानी पड़ सकती है। सूत्रों ने बताया कि 4000 डिग्री के रोल नंबर बेसिक शिक्षा विभाग को दिए गए थे। पूछा गया था कि कितने अध्यापकों के पास ये डिग्रियां हैं। ऐसे 2300 अध्यापक पाए गए। जांच टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के आला अफसरों ने कहा है कि सहायक अध्यापकों पर कार्रवाई तब तक नहीं की जा सकती है जब तक कि यूनिवर्सिटी से इनकी डिग्री फर्जी घोषित नहीं कर दी जाती हैं।
यहां के लोगों ने उठाया फायदा
एसआईटी बीएड सत्र 2003-04 की जांच कर रही है। इसमें लगभग 4000 डिग्रियां फर्जी पाई जा चुकी हैं। यह भी पता चला है कि इन फर्जी डिग्रियों के सहारे 2300 लोगों ने सहायक अध्यापक की नौकरी पाई है। इनमें से ज्यादातर आगरा, अलीगढ़, कानपुर, झांसी मंडल में तैनात हैं। आगरा यूनिवर्सिटी के रिकार्ड से एसआईटी ने दो लिस्ट तैयार कीं। एक उन अभ्यर्थियों की जिनका 2003-04 में बीएड में रजिस्ट्रेशन था। इनकी संख्या 8132 है। दूसरी लिस्ट चार्ज रूम से तैयार की गई। इसमें बीएड की डिग्री 11132 निकली हैं। दोनों का मिलान करने के बाद 4000 डिग्री फर्जी पाई गईं हैं।
दूसरी बार दी है रिपोर्ट
बेसिक शिक्षा विभाग को पहले भी रिपोर्ट दी गई थी। तब एसआईटी से चूक हुई थी। असली और फर्जी मार्कशीट अलग-अलग नहीं की गई थी। विवि से कहा था कि 2003-04 के सत्र में गड़बड़झाला हुआ है, इसलिए पूरा सत्र शून्य घोषित किया जाए। इसी आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग को कार्रवाई के लिए कहा था। अब साक्ष्य के साथ लिस्ट सौंपी है।
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