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‘तीसरी आंख’ की पहुंच से दूर होंगे शिक्षक, स्टाफरूम में नहीं होंगे CCTV कैमरे

इलाहाबाद : प्रदेश में संभवत: इलाहाबाद ऐसा पहला जिला होगा, जिसके माध्यमिक स्कूलों के स्टाफरूम ‘तीसरी आंख’ की पहुंच से दूर होंगे।
टीचर्स यूनियन के विरोध के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक ने आदेश जारी कर स्टाफरूम में सीसीटीवी कैमरे न लगाने को कहा है। यह भी कहा है कि अगर कैमरे लगा दिए गए हों तो, उन्हें हटाकर गैलरी में लगा दिया जाए।


 ऐसा महिला शिक्षकों के निजता के अधिकार को ध्यान में रखकर किया गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजता के अधिकार को लेकर दिए गए फैसले के कुछ दिन बाद यह आदेश डीआईओएस की स्कूलों के प्रधानाचार्यों के साथ हुई बैठक के बाद आया है। फिलहाल शासन के आदेश के बाद प्रदेश के स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम तेजी से चल रहा है।

 शिक्षकों ने स्टाफरूम में सीसीटीवी कैमरे लगाने का यह कहकर विरोध किया था कि, यह उनके (विशेषकर महिला शिक्षकों के) निजता के अधिकार का हनन है। राज्य सरकार ने भी स्कूलों में कैमरे लगाने का निर्देश दिया है। हालांकि यह कहीं नहीं लिखा है कि कैमरे कहां लगाए जाएंगे। इसलिए शासनादेश का पालन स्टाफरूम में कैमरे न लगाकर भी किया जा सकता है। डीआईओएस आर एन विश्वकर्मा ने बताया कि विरोध और सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देखते हुए ही यह आदेश जारी किया गया है। स्कूलों के प्रधानाचार्यों को वैसे भी शिक्षकों विशेषकर महिला शिक्षकों के स्टाफरूम में सीसीटीवी की मदद से झांकने की अनुमति नहीं दी सकती। स्टाफ रूम में अगर कैमरे लगा दिए गए हैं तो उन्हें गैलरी में शिफ्ट करने को कहा गया है। जिससे आने-जाने की गतिविधियों को मॉनिटर किया जा सके।

 शिक्षिका अमिता ने इस फैसले को सही बताया है और कहा कि यह महिला शिक्षकों के लिए जरूरी है। क्योंकि शासन की मंशा भी सिर्फ शिक्षकों और छात्रों की हाजिरी पर नजर रखने की है। लेकिन स्टाफ रूम में कैमरे लगने से महिला शिक्षकों की निजता भंग हो रही थी।

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