प्रतापगढ़ में बेसिक शिक्षा विभाग के अफसरों की लापरवाही का यह आलम है ज्यादातर शिक्षामित्रों को जुलाई माह का पूरा वेतन भुगतान कर दिया, जबकि इन्हें 25 दिन का ही वेतन देना था।
गौरा ब्लॉक के कई विद्यालयों में इस तरह की गड़बड़ी उजागर हुई है। वित्त एवं लेखाधिकारी की लापरवाही उजागर होने से विभाग में हड़कंप है। कई अन्य ब्लॉकों में भी इस तरह की गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत शिक्षामित्रों का समायोजन 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया था। समायोजन निरस्त होने के बाद शिक्षामित्रों के जुलाई माह के वेतन को लेकर काफी ऊहापोह की स्थिति थी। बाद में शासन ने वेतन पानेवाले
शिक्षामित्रों को जुलाई माह में 25 दिन का वेतन भुगतान करने का आदेश जारी किया। इस पर बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षामित्रों को 25 दिन का वेतन देने के लिए अलग से बिल भी तैयार कराया, फिर वेतन दिया गया। लेकिन बेल्हा में विभाग के अफसरों ने लापरवाही की हद पार कर दी। इतनी कवायद होने के बाद भी ज्यादातर शिक्षामित्रों को जुलाई माह का पूरा वेतन भुगतान कर दिया है। इसमें गौरा विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय बाहीपुर के शिक्षामित्र अजय मिश्र, प्रावि बरहदा की सरला मिश्रा, प्रावि कमासिन के राकेश तिवारी, प्रावि धरी के देवेंद्र पुष्पाकर, प्रावि गौरा स्टेशन की सुभा तिवारी सहित दर्जनों शिक्षामित्र शामिल हैं। इनके खाते में जुलाई माह का पूरा वेतन विभाग की ओर से भुगतान कर दिया गाय। गुरुवार को अन्य शिक्षकों ने इसकी शिकायत वित्त एवं लेखाधिकारी व बीएसए से की तो हड़कंप मच गया।
बीएसए ने दिया जांच का आदेश : शिक्षामित्रों के बैंक खाते में जुलाई माह का पूरा वेतन भेजे जाने का मामला संज्ञान में आने के बाद बीएसए ने जांच का आदेश दिया है। बीएसए ने वित्त एवं लेखाधिकारी मनोज श्रीवास्तव को निर्देश दिया है कि वह स्वयं इस मामले की जांच करें। बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह का कहना है कि शिक्षामित्रों को जुलाई माह में सिर्फ 25 दिन का वेतन भुगतान किया जाना था। इसमें ब्लॉक से बिल तैयार करने में गड़बड़ी हुई है। इस वजह से शिक्षामित्रों के खाते में पूरा वेतन चला गया है। फिलहाल मामले की गंभीरता से जांच कराई जा रही है। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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गौरा ब्लॉक के कई विद्यालयों में इस तरह की गड़बड़ी उजागर हुई है। वित्त एवं लेखाधिकारी की लापरवाही उजागर होने से विभाग में हड़कंप है। कई अन्य ब्लॉकों में भी इस तरह की गड़बड़ी की आशंका जताई जा रही है। प्राइमरी स्कूलों में कार्यरत शिक्षामित्रों का समायोजन 25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया था। समायोजन निरस्त होने के बाद शिक्षामित्रों के जुलाई माह के वेतन को लेकर काफी ऊहापोह की स्थिति थी। बाद में शासन ने वेतन पानेवाले
शिक्षामित्रों को जुलाई माह में 25 दिन का वेतन भुगतान करने का आदेश जारी किया। इस पर बेसिक शिक्षा विभाग ने शिक्षामित्रों को 25 दिन का वेतन देने के लिए अलग से बिल भी तैयार कराया, फिर वेतन दिया गया। लेकिन बेल्हा में विभाग के अफसरों ने लापरवाही की हद पार कर दी। इतनी कवायद होने के बाद भी ज्यादातर शिक्षामित्रों को जुलाई माह का पूरा वेतन भुगतान कर दिया है। इसमें गौरा विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय बाहीपुर के शिक्षामित्र अजय मिश्र, प्रावि बरहदा की सरला मिश्रा, प्रावि कमासिन के राकेश तिवारी, प्रावि धरी के देवेंद्र पुष्पाकर, प्रावि गौरा स्टेशन की सुभा तिवारी सहित दर्जनों शिक्षामित्र शामिल हैं। इनके खाते में जुलाई माह का पूरा वेतन विभाग की ओर से भुगतान कर दिया गाय। गुरुवार को अन्य शिक्षकों ने इसकी शिकायत वित्त एवं लेखाधिकारी व बीएसए से की तो हड़कंप मच गया।
बीएसए ने दिया जांच का आदेश : शिक्षामित्रों के बैंक खाते में जुलाई माह का पूरा वेतन भेजे जाने का मामला संज्ञान में आने के बाद बीएसए ने जांच का आदेश दिया है। बीएसए ने वित्त एवं लेखाधिकारी मनोज श्रीवास्तव को निर्देश दिया है कि वह स्वयं इस मामले की जांच करें। बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह का कहना है कि शिक्षामित्रों को जुलाई माह में सिर्फ 25 दिन का वेतन भुगतान किया जाना था। इसमें ब्लॉक से बिल तैयार करने में गड़बड़ी हुई है। इस वजह से शिक्षामित्रों के खाते में पूरा वेतन चला गया है। फिलहाल मामले की गंभीरता से जांच कराई जा रही है। इसमें जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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