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राजकीय स्कूलों में बिजली, पानी शौचालय आवश्यक : हाईकोर्ट

इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि प्रदेश के सभी राजकीय बालिका विद्यालयों (जीजीआइसी) में शौचालय, पेयजल आपूर्ति व बिजली कनेक्शन देने की व्यवस्था एक माह में कराएं।
कोर्ट ने जौनपुर, श्रवस्ती, अलीगढ़, महोबा, आगरा, बलिया के जिलाधिकारी से जवाबी हलफनामा मांगा है।
मामले की अगली सुनवाई 18 सितम्बर को होगी।1यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने विनोद कुमार सिंह की जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने उपरोक्त सभी जिलों के जिलाधिकारी को उन विद्यालयों का निरीक्षण कर वस्तुस्थिति की रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है जहां सुविधाएं नहीं है, साथ ही सुविधाएं उपलब्ध कराने को भी कहा है। कोर्ट ने कहा है कि यदि बालिका विद्यालय में शौचालय नहीं पाए गए तो जिलाधिकारी के विरुद्ध अवमानना कार्यवाही की जाएगी। उराजकीय बालिका इंटर कालेज बलिया में शौचालय, फर्नीचर व पेयजल की आपूर्ति की मांग को लेकर जनहित याचिका दाखिल की गई है। कोर्ट ने स्कूलों में पेयजल आपूर्ति के लिए हैंडपंप लगाए जाने पर सवाल खड़े किए, कहा कि लड़कियों के स्कूलों में ओवरहेड वाटर टैंक लगाए जाएं। राज्य सरकार की तरफ से शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि जौनपुर, अलीगढ़ के स्कूलों में हैंडपंप लगा दिया गया है। इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि क्या लड़कियां हैंडपंप से पानी लेकर शौचालय जाएंगी। निर्देश दिया कि लड़कियों के स्कूलों में सबमर्सिबल पंप लगाए
जाएं और पानी की टंकी रखी जाए।1पंजीकृत श्रमिकों के हितार्थ एनजीओ की याचिका खारिज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पंजीकृत श्रमिक (कर्मकार) के लिए साइकिल सहायता योजना की मांग को लेकर दाखिल एनजीओ की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि एनजीओ को पंजीकृत मजदूरों की तरफ से ऐसी योजनाओं के लाभ के लिए याचिका दाखिल करने का कोई अधिकार नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी ने संत बद्री प्रसाद निरंकारी सेवा आश्रम की ओर से दाखिल याचिका पर अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी व स्थायी अधिवक्ता अजय कुमार मिश्र को सुनकर दिया। 1अवैध अभिरक्षा में रखने पर पुलिस पर हर्जाना : सहारनपुर में कार्यरत वरिष्ठ पत्रकार संजय त्यागी को आपराधिक मामले में कोर्ट से बरी होने के बावजूद पुलिस डायरी में 2016 में भगोड़ा दर्ज किया गया। इस मामले की जांच एसएसपी सहारनपुर को तीन माह में पूरी करने का आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया है। कोर्ट ने जीडी में गलत प्रविष्टि करने के दोषी पुलिसकर्मियों को प्रतिकूल प्रविष्टि भी दिए जाने का आदेश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल और न्यायमूर्ति अशोक कुमार की खंडपीठ ने बिना किसी अपराध के 24 घंटे के बाद निरुद्ध किए जाने को जीवन के मौलिक अधिकारों का हनन करार देते हुए दिया है।1बाल सुधार गृह की हालत सुधारे सरकार : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सभी जिलों में स्थित बाल सुधार गृहों की दशा सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि बच्चे को बालिग होने पर बाल सुधार गृह में न रहने दिया जाए। कोर्ट ने पूछा है कि सुधार गृहों में बच्चों की शिक्षा व अन्य सुविधाओं के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन तथा न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ ने 2011 में बाल सुधार गृहों की निगरानी कमेटी के अध्यक्ष न्यायाधीश की रिपोर्ट पर दाखिल जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि किशोर न्याय पालक संरक्षण एक्ट का कड़ाई से पालन किया जाए। गृह सचिव से हलफनामा मांगा है कि कानून के विपरीत कितने बच्चे सुधार गृहों में रह रहे हैं। साथ ही रसोई व क्रॉकरी की फोटोग्राफ दाखिल करने का निर्देश दिया है।1प्रमुख सचिव समाज कल्याण पर 50 हजार का हर्जाना : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव समाज कल्याण पर दो बार समय दिए जाने के बावजूद जवाब दाखिल न करने पर 50 हजार रुपये का हर्जाना लगाया है। उन्हें तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का समय दिया गया है। कोर्ट ने कहा है कि हर्जाना राशि हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति के खाते में जमा होगी। अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति अशोक कुमार की खंडपीठ ने कुशीनगर के शंभू चौधरी की याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता त्रिलोकी सिंह का कहना है कि याची को बिना सुने उसके पक्ष में जारी खरवार जाति का प्रमाणपत्र निरस्त कर दिया गया।विसं,

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