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बोर्ड परीक्षा में शिक्षकों का नहीं चलेगा बीमारी का बहाना

एनबीटी संवाददाता, लखनऊ : फरवरी में शुरू होनी वाली यूपी बोर्ड परीक्षाओं में इस बार शिक्षक बीमारी का बहाना नहीं बना सकेंगे। दरअसल, अगर किसी शिक्षक या प्रधानाचार्य ने ड्यूटी से छुट्टी के लिए प्रार्थना पत्र दिया तो उसकी जांच चीफ मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) करेंगे। सीएमओ की ओर से जारी प्रमाण पत्र के आधार पर ही छुट्टी दी जाएगी। वहीं, अगर किसी ने झूठा बहाना बनाया तो उसपर विभाग कार्रवाई भी करेगा। यह निर्देश शुक्रवार को माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव नीना श्रीवास्तव ने जारी किए हैं।

हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 6 फरवरी से होनी हैं। स्कूलों में कक्ष निरीक्षकों से लेकर केंद्र व्यवस्थापकों के लिए 3500 से ज्यादा शिक्षकों की जरूरत होती है। हर साल शिक्षक बीमारी का बहाना बनाकर परीक्षा से नदारद हो जाते हैं। ऐसे में जिला विद्यालय निरीक्षक को ऐन परीक्षा के दिन कक्ष निरीक्षकों की व्यवस्था करनी पड़ती है। इस बार ऐसा न हो इसके लिए यह व्यवस्था की जा रही है।

सिफारिशें आनी हो गईं शुरू

जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में अभी से शिक्षकों ने छुट्टी की सिफारिशें करना शुरू कर दी है। मजे की बात ये है कि जितने दिन परीक्षा चलनी है शिक्षकों ने बीमारी की छुट्टी भी उतने दिन की ही मांगी है। ऐसे में साफ है कि ड्यूटी से बचने के लिए ही यह छुट्टी मांगी जा रही है। नीना श्रीवास्तव के मुताबिक, पिछले वर्षों की परीक्षाओं में यह देखा गया था कि शिक्षक बीमारी का प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर चिकित्सीय अवकाश प्राप्त कर लेते हैं। इसबार इसपर रोक लगाने के लिए यह व्यवस्था की गई है। हालांकि, जो वास्तव में बीमार है उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी, छुट्टी दी जाएगी।
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