शिक्षामित्रों का हाल बेहाल , नहीं मिला मानदेय, कैसे मनाएं होली

जागरण संवाददाता: मीरजापुर: जिले के शिक्षामित्रों का हाल बेहाल है। मानदेय मिला ही नहीं तो कैसे मनाएंगे होली। यहां तो कई शिक्षामित्रों के परिवार भुखमरी के कगार पर पहुंच गए हैं लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग कुंभकर्णी नींद सोया हुआ है। क्या पता जागेगा भी कि नहीं।
जिले में लगभग 26 सौ शिक्षामित्र कार्यरत हैं। इनमें 108 बेसिक के तथा 2468 परियोजना के हैं। जिन शिक्षामित्रों की भर्ती बेसिक के तहत हुई थी। उनको अगस्त 2017 से ही मानदेय नहीं मिला है। बताया जा रहा है कि सरकार की तरफ से अभी तक ग्रांट ही नहीं आई। ये शिक्षामित्र किस प्रकार अपना जीवन का निर्वाह कर रहे हैं। समझा जा सकता है। वहीं जो शिक्षामित्र परियोजना से भर्ती हुए हैं उनको नवंबर 2017 तक का मानदेय मिल चुका है। विभाग का कहना है कि दिसंबर 2017 का मानदेय भी बैंक में लगा हुआ है। शीघ्र ही उनको मिल जाएगा लेकिन होली के पहले मिलेगा। इसमें संशय है। संभवत: नहीं ही मिलेगा।

बातचीत हो रही है
शिक्षामित्रों के संगठन के जिलाध्यक्ष अजयधर दुबे ने बताया कि विभाग के साथ वार्ता हो रही है। विभाग का कहना है कि बेसिक वालों का ग्रांट ही नहीं आ रहा है। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है और लगातार प्रयास किया जा रहा है कि ग्रांट आ जाए तो इन शिक्षामित्रों को भी मानदेय का भुगतान कर दिया जाए। परियोजना वालों को तो मिल ही रहा है। एकाध महीने की देरी तो होती ही रहती है।
प्रयास हो रहा है


बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी ने कहा कि मानदेय के लिए प्रयास किया जा रहा है। शासन से जब ग्रांट मिलेगी तभी मानदेय दिया जा सकता है। विभाग लगातार इस प्रयास में है कि सभी शिक्षामित्रों का मानदेय नियमित हो जाए।
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