आयोग का नया पैंतरा, सीबीआइ को डाक से भेजे अभिलेख

इलाहाबाद: भर्तियों की सीबीआइ जांच प्रभावित करने के लिए उप्र लोकसेवा आयोग ने अब नया पैंतरा खेला है। एक तरफ तो सीबीआइ अफसरों का कहना है कि आयोग के अधिकारी उन्हें जांच कार्य में असहयोग कर रहे हैं,
मांगी गई सूचनाएं या अभिलेख देने में की जा रही है वहीं आयोग ने सीबीआइ की ओर से मांगे गए अभिलेख डाक विभाग के जरिए कैंप कार्यालय भेजे हैं। सोमवार को डाक विभाग के कर्मचारी उक्त अभिलेख का लिफाफा लेकर सीबीआइ के कैंप कार्यालय पहुंचे।1सीबीआइ सूत्रों के अनुसार उप्र आयोग में उन्हें कोई भी कागजात मांगने पर हाथों हाथ नहीं दिए जा रहे हैं। अधिकारी टालमटोल कर रहे हैं या फिर उन्हें मूल अभिलेख न देकर उसकी फोटो कापी दी जा रही है। पिछले दिनों पीसीएस परीक्षा की ओएमआर शीट भी ओरिजनल न देकर फोटो कापी देने का प्रकरण सामने आया था। सोमवार को सीबीआइ के कैंप कार्यालय पर उस समय एक अजीब स्थिति सामने आई जब डाक विभाग से कर्मचारी एक लिफाफा लेकर सीबीआइ टीम को देने पहुंच गए। बताया गया कि यह लिफाफा उप्र लोकसेवा आयोग की तरफ से डाक के जरिये भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार आयोग का यह रवैया केवल जांच में देरी के लिए किया जा रहा है, जबकि सीबीआइ ने कैंप कार्यालय इलाहाबाद में ही इसलिए खोला ताकि जांच प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ सके। वहीं आयोग का कहना है कि सीबीआइ को जांच में कहीं भी असहयोग नहीं हुआ है। जो भी कागजात मांगे जा रहे हैं उसे मुहैया कराया जा रहा है। 1शासन से मिला जांच में सहयोग का आश्वासन1सीबीआइ के एसपी राजीव रंजन ने सोमवार को लखनऊ में गृह सचिव नियुक्ति और कार्मिक से मुलाकात की। उन्हें उप्र लोक सेवा आयोग से हुई भर्तियों की जांच में आ रही दिक्कतों से अवगत कराया। सूत्रों के अनुसार एसपी ने गृह सचिव नियुक्ति और कार्मिक से यह भी बताया कि जांच टीम का आयोग में सहयोग नहीं हो रहा है। इस पर उन्हें आश्वासन मिला है कि टीम को आयोग में पूरा सहयोग मिलेगा। इस बीच बातचीत में इलाहाबाद के जिला प्रशासन से भी अपेक्षित सहयोग न मिलने की चर्चा हुई।



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