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शिक्षामित्रों का मानदेय, सुविधाएं बढ़ाने का विचार नहीं: बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनुपमा जायसवाल ने बताया कि शिक्षामित्रों के वेतन के लिए 22 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें से 9 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। उन्होंने जौनपुर में शिक्षामित्रों को वेतन न मिलने की जांच कराने का आश्वासन दिया।

विधानसभा में शिक्षामित्रों से जुड़े एक सवाल पर अनुपमा ने कहा कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग से 17 हजार और सर्व शिक्षा अभियान से 1.52 लाख शिक्षामित्र कार्यरत हैं। प्रत्येक शिक्षामित्र को हर माह 10 हजार रुपये मानदेय मिल रहा है। उन्होंने कहा कि मानदेय में और वृद्धि करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

शिक्षामित्र मानदेय के आधार पर कार्य कर रहे हैं इसलिए सहायक अध्यापकों की तरह सुविधाएं नहीं दी जा सकती। सपा के पारसनाथ यादव ने कहा कि जौनपुर में 85 शिक्षामित्रों को मानदेय नहीं मिल रहा है। इस पर बेसिक शिक्षामंत्री ने इसकी जांच कराने के लिए कहा। उन्होंने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अधिनियम बनाकर शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाए जाने का विचार नहीं है।

राइनी ने लगाए बेसिक शिक्षा मंत्री पर आरोप
बसपा से असलम राइनी ने बेसिक शिक्षामंत्री पर स्कूलों में बच्चों को पुस्तकें, ड्रेस, जूता वितरित करने में निजी आरोप लगाए। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने इसे कार्यवाही में शामिल न करने के निर्देश दिए। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल ने कहा कि जिस समय यूनिफार्म नियत रेट पर वितरित की गई हैं। उस समय ई-टेंडर की व्यवस्था नहीं थी। पारदर्शी तरीके से खुली निविदा के जरिये टेंडर किए गए।
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