कुछ नेताओं के जाल में फंसते 0 रिक्तियों वाले 24 जनपद - AG
1) गोण्डा में अपॉइंटमेंट लेटर को बिना कोर्ट की अनुमति के न दिए जाने का आदेश है और सोशल मीडिया से समाचार हैं कि कुछ जनपदों के लिए भी ऐसा ऑर्डर हुआ है (पुष्टि नहीं)।
*2) उन 24 जनपदों के btcians में हड़कंप है जहां 0 रिक्तियां हैं। पूरी जानकारी न होने के कारण वो नेताओं के जाल में फंस रहे हैं।*1) गोण्डा में अपॉइंटमेंट लेटर को बिना कोर्ट की अनुमति के न दिए जाने का आदेश है और सोशल मीडिया से समाचार हैं कि कुछ जनपदों के लिए भी ऐसा ऑर्डर हुआ है (पुष्टि नहीं)।
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3) 0 रिक्तियों के जनपद को नियम 14(1)(a) के कारण रोका जा रहा है। इस रूल के अककॉर्डिंग किसी डिस्ट्रिक्ट के लिए केवल उसी डिस्ट्रिक्ट से trained यानी बीटीसी, DBTC, SBTC पास के फॉर्म लिए जाने का प्रोविजन है।
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*4) 0 vacancy वाले डिस्ट्रिक्ट से trained को और बीएलएड, डीएड को 6(ख) क्लॉज़ द्वारा छूट दी गयी की आप किसी भी डिस्ट्रिक्ट में आवेदन कर सकते हैं। इससे 51 जनपद के लोग परेशान हैं क्योंकि 0 रिक्तियों वाले डिस्ट्रिक्ट के btcians के उनके जिले में कॉउंसीलिंग कराने के कारण उन्हें नौकरी मिल नहीं पा रही है। उन्हें दूसरे हाई गुणांक के लोग जो "यूपी के ही" दूसरे जनपद से आगये हैं से प्रॉब्लम हो रही है।*
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5) नियम 14(1)(a) असंवैधानिक नियम है इसलिए रद्द हो जाएगा, उसे कई नेता बचाने का प्रयास कर रहे हैं जो असफल रहेगा। नौकरी बचाने में सफल या असफल रहे इस पर कुछ नहीं कहेंगे क्योंकि हम पैरोकार नहीं है लेकिन नियम नहीं बचा पाएंगे और नियम नहीं रहेगा तो हर समझदार को पता है क्या होगा।
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*6) अब ये नेता एक तरफ तो 14(1)(a) जिसे जिला वरीयता भी कहा जाता है, को बचा रहे हैं। यानी ये इस बात के साथ हैं कि केवल एक जनपद में उसी डिस्ट्रिक्ट से trained लोगो के आवेदन लिए जाएं और उन्ही की कॉउंसीलिंग हो। उसके लिए डॉक्टर लालता प्रसाद मिश्रा और कालिया को इंगेज आलरेडी 15000, 16448 के लिए किया गया था।*
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7) वहीं दूसरी ओर ये गोण्डा में बाहरी को नियुक्ति पत्र न मिलने वालों के लिए भी डॉक्टर मिश्रा को ले जा रहे हैं और बाकि 23 जनपदों को भी बचाने को कह रहे हैं। यानी दूसरे जनपद से BTC पास को भी आवेदन और फर्स्ट कॉउंसीलिंग का अवसर मिले इसके लिए उन 24 जिलो की तरफ से कोर्ट में जाने को कह रहे हैं।
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*8) किसे मूर्ख बना रहे हैं ये, 51 को या 24 को? क्योंकि खुद तो बहुत चालाकी से खेल रहे हैं कोर्ट में जहां चंदे का अवसर मिले भुनालो। अधिवक्ताओं के तो वर्क एथिक्स अब रहे नहीं, क्या नेताओं के भी नहीं रहे जो बीटीसी के लोगो को धोखा दे रहे हैं।*
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9) बीटीसी धारियों से सीधा प्रश्न क्या आप को वाकई कुछ दिखाई नहीं दे रहा या आप वाकई मूर्ख बनने के लिए बने हैं?
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~AG