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प्रवक्ता ही नहीं आठ प्राचार्य भी अपने गृह जिले में तैनात, राजकीय महाविद्यालयों के प्रवक्ताओं सभी प्राचार्यो की सूची शासन को भेजी

इलाहाबाद : उच्च शिक्षा महकमे में प्रदेश भर में नियमों को दरकिनार कर प्रवक्ता व प्राचार्य अपने गृह जिलों में वर्षो से तैनात हैं। पिछले दिनों शासन के निर्देश पर उच्च शिक्षा निदेशालय ने जब 81 प्रवक्ताओं की सूची वेबसाइट पर अपलोड की है।
अब प्रवक्ताओं ने आठ प्राचार्यो की सूची शासन को भेजी है, जो अपने गृह जिले में कार्यरत हैं। इससे प्रवक्ता व प्राचार्य ही एक-दूसरे की नियम विरुद्ध तैनाती उजागर कर रहे हैं। 1उच्च शिक्षा महकमे में शासन की नीति के अनुरूप वार्षिक स्थानांतरण होने हैं। यह प्रक्रिया शुरू करने से पहले शासन को सूचना मिली कि तमाम प्रवक्ता वर्षो से अपने गृह जिले व मंडल में तैनात हैं, जबकि वह प्रथम श्रेणी राजपत्रित अधिकारी हैं, उन्हें किसी भी दशा में अपने गृह जिले या फिर मंडल में नियुक्त करने का निर्देश नहीं हैं। उच्च शिक्षा निदेशालय के सहायक शिक्षा निदेशक संजय कुमार सिंह ने ऐसे 81 प्रवक्ताओं की सूची वेबसाइट पर अपलोड करके राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्यो से आपत्तियां मांगी। इससे सूबे में राजकीय प्रवक्ताओं में खलबली मची है। अब प्रवक्ताओं ने प्रदेश के मुरादाबाद, सहारनपुर, मेरठ, इलाहाबाद, वाराणसी, लखनऊ, बरेली और गोरखपुर के राजकीय महाविद्यालयों में तैनात उन प्राचार्यो की सूची उच्च शिक्षा निदेशक को भेजी है, जो अपने गृह जिले व मंडल में तैनात हैं। प्रवक्ताओं ने यह भी लिखा है कि प्राचार्य उप्र उच्चतर सेवा समूह ‘क’ श्रेणी के हैं। उनका पद वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी का होने के कारण वह अपने गृह मंडल या फिर जिले में तैनात नहीं रह सकते। पहले से नियुक्त प्राचार्य शासनादेश का उल्लंघन कर रहे हैं। प्रवक्ताओं ने यह भी लिखा है कि आठों प्राचार्यो के गृह जिले का परीक्षण उनके स्टाफ स्टेटमेंट, सेवा पुस्तिका, वरिष्ठता सूची के दस्तावेजों से किया जा सकता है। पहले इन प्राचार्यो का तबादला किया जाए, ताकि शिक्षकों के साथ भेदभाव न हो। इस पर निदेशालय के अफसर प्राचार्यो के गृह जिले का परीक्षण करने में जुटे हैं।’>> राजकीय महाविद्यालयों के प्रवक्ताओं सभी प्राचार्यो की सूची शासन को भेजी 1’>> शासन के निर्देश पर शिक्षा निदेशालय ने गृह जिले में तैनात 81 प्रवक्ता खोजे थे

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