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पीसीएस 2015 के सौ अफसर सीबीआइ के निशाने पर, शासन से अधियाचन मिलने पर उप्र लोकसेवा आयोग ने बनाई रूपरेखा, आयोग की बैठक में निर्णय के बाद जल्द जारी होगा संक्षिप्त विज्ञापन

इलाहाबाद :उप्र लोकसेवा आयोग की पीसीएस 2015 परीक्षा में चयनित एक सौ अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं पर अंगुली उठी है। संदेह होने पर सीबीआइ फिर से उनका मूल्यांकन कराने की तैयारी में है। इनमें शीर्ष 20 स्थानों पर आए अभ्यर्थियों की कापियों पर भी संदेह गहराया है।
जांच टीम ने हालांकि इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया है लेकिन, इस मुद्दे पर मंथन किया जा रहा है। चयनितों से हुई पूछताछ और उनकी उत्तर पुस्तिकाओं की प्राथमिक जांच के बाद चयन पर सीबीआइ का शक और भी गहराया है। 1सीबीआइ ने पिछले हफ्ते सोमवार से इलाहाबाद स्थित कैंप कार्यालय पर पीसीएस 2015 के चयनितों से पूछताछ शुरू की थी, यह सिलसिला अब भी जारी है। दो दर्जन से अधिक पीसीएस अफसरों का चयन संदिग्ध मिलने पर सीबीआइ ने उन्हें समन जारी कर अलग-अलग तारीखों में बुलाकर पूछताछ की है। इसके अलावा कई टॉपरों से भी पूछताछ की तैयारी है। एसपी राजीव रंजन के इलाहाबाद लौटने पर टॉपरों से पूछताछ हो सकती है। अब तक की पड़ताल में सीबीआइ ने एक सौ पीसीएस अफसरों का चयन संदिग्ध पाया है। इन सभी की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी फिर से कराया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार जिन चयनित पीसीएस अफसरों को सीबीआइ ने हिट लिस्ट में रखा है उनमें कई लोगों का फंसना तय माना जा रहा है। इसके अलावा सीबीआइ उन असफल अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं का भी पुनमरूल्यांकन कराने की तैयारी में है जिनके नंबरों से छेड़छाड़ कर चयन की रेस से बाहर कर दिया गया। सीबीआइ को इसके ठोस प्रमाण भी मिले हैं। सूत्र बताते हैं कि चयनित पीसीएस अफसरों की उत्तर पुस्तिकाओं में हैंड राइटिंग का भी मिलान हो सकता है, क्योंकि पिछले दिनों कैंप कार्यालय पर पूछताछ के दौरान सीबीआइ ने प्रोफार्मा भरवाने के दौरान चयनितों की हैंड राइटिंग सुरक्षित रख ली है।

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