इलाहाबाद : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड उप्र टीजीटी-पीजीटी 2016 की
लिखित परीक्षा की तारीख का एलान जल्द ही करेगा। यह घोषणा बोर्ड की एक मई को
प्रस्तावित बैठक में भी हो सकती है। इस परीक्षा को कराने में देरी का कारण
प्रतियोगी ही हैं।
चयन बोर्ड की मंशा है कि अशासकीय कालेजों में किसी भी
चयनित अभ्यर्थी को कार्यभार ग्रहण करने में परेशानी न हो। इसलिए पद पहले ही
तय हो जाएं। सत्यापन कार्य जिला विद्यालय निरीक्षकों के भरोसे नहीं छोड़ा
जाएगा, बल्कि सदस्यों की एक कमेटी लगातार उसकी निगरानी करेगी और जल्द
रिपोर्ट हर जिले से मांगी जाएगी।
चयन बोर्ड की पहली बैठक में 2016 की लिखित परीक्षा का एलान न होने की सबसे
बड़ी वजह पुराने परीक्षा परिणाम ही हैं। 2013 टीजीटी-पीजीटी का जो विज्ञापन
जारी हुआ, उसके सापेक्ष कम पदों पर अभ्यर्थी चयनित किए गए क्योंकि
विज्ञापन व चयन के बीच के अंतराल में तमाम पद पदोन्नति, स्थानांतरण व अन्य
माध्यम से भर गए। कम चयन होने के बाद भी बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने यह
शिकायतें की हैं कि उन्हें संबंधित कालेज में ज्वाइन नहीं कराया गया।
सूत्रों की मानें तो 2011 के चयन में भी यही समस्या फिर खड़ी होने वाली है।
ऐसे में चयन बोर्ड की नई टीम ने पुराने कड़वे अनुभवों को न दोहराने की
रणनीति बनाई है। बैठक में तय हुआ कि 2016 के विज्ञापन में घोषित पदों का नए
सिरे से सत्यापन करा लिया जाए, ताकि इस चयन के अभ्यर्थियों को परेशानी न
हो। सत्यापन कार्य के लिए हर जिला विद्यालय निरीक्षक को पांच से दस दिन का
ही अवसर दिया जाएगा, ताकि इस प्रक्रिया में ज्यादा समय न लगे। साथ ही
डीआइओएस जो रिपोर्ट भेजेंगे उसके प्रति वह जवाबदेह होंगे। सदस्यों की कमेटी
गठित हो गई है वह पदों के सत्यापन की निगरानी करेगी।
यह भी संकेत हैं कि चयन बोर्ड जल्द ही परीक्षा की संभावित तारीख का एलान कर
देगा, ताकि उसी को ध्यान में रखकर परीक्षा केंद्र आदि का चयन तेजी से शुरू
हो। यह तारीख अगली बैठक में ही घोषित हो सकती है। तैयारी है कि लिखित
परीक्षा कराकर इसी वर्ष उसका परिणाम भी घोषित हो जाए। भले ही साक्षात्कार
नए साल की शुरुआत में हों। इसी बीच नए विज्ञापन के आधार पर 2018 का
विज्ञापन व परीक्षा कैलेंडर भी जारी होगा।
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