याचियों का कहना है कि वे सहायक अध्यापक थे। शीर्ष कोर्ट से समायोजन रद
होने के फैसले के बाद शिक्षामित्र के तौर पर पढ़ा रहे हैं। याचिका में कहा
गया है कि शीर्ष कोर्ट ने शिव कुमार पाठक केस में शिक्षामित्रों को आयु
सीमा में छूट देने तथा अगले दो साल में योग्यता हासिल करने के बाद भर्ती
में वरीयता देने का आदेश दिया है। 11 अप्रैल 2018 को जारी हुई 12,460 सहायक
अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में शिक्षामित्रों को वरीयता नहीं दी जा रही है।
कोर्ट ने राज्य सरकार से इस बावत जानकारी मांगी है। कोर्ट ने सरकार से पूछा
है कि क्या शिक्षक भर्ती में वह शिक्षामित्रों को वरीयता देने पर विचार कर
रही है?
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